
अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने मंगलवार को कहा कि उनकी योजना अगले पांच वर्ष में विभिन्न कारोबारों में रिकॉर्ड 15-20 अरब डॉलर का निवेश करने की है ताकि वृद्धि के अगले चरण का खाका तैयार किया जा सके।
उन्होंने समूह के लगातार जांच के घेरे में आने के बीच उसके मजबूत बही-खाते का बखान किया।
अदाणी ने कहा कि बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डों, नवीकरणीय ऊर्जा पार्क से लेकर डेटा सेंटर, सीमेंट से लेकर गैस और बिजली तक के व्यवसायों से हुई रिकॉर्ड आय ने भारत के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा समूह का निर्माण किया है, जो न केवल बाजारों की सेवा के लिए बल्कि राष्ट्र के भविष्य के निर्माण में योगदान के लिए मौजूद है।
समूह की वार्षिक आम बैठक को ऑनलाइन संबोधित करते हुए उन्होंने अक्षय ऊर्जा आपूर्ति ठेके हासिल करने के लिए कथित रिश्वतखोरी योजना में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा हाल ही में अभियोग चलाए जाने का उल्लेख किया और कहा कि अदाणी समूह के किसी भी व्यक्ति पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) का उल्लंघन करने या न्याय में बाधा डालने की साजिश रचने का आरोप नहीं लगाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ लगातार जांच के बावजूद भी अदाणी समूह कभी पीछे नहीं हटा। इसके बजाय, हमने साबित कर दिया कि सच्चा नेतृत्व धूप में नहीं बल्कि संकट की आग में तपकर तैयार होता है।’’
चेयरमैन ने कहा, ‘‘ पिछले वर्ष इसकी पुनः जांच की गई जब हमें अदाणी ग्रीन एनर्जी से संबंधित अमेरिकी न्याय विभाग और एसईसी (अमेरिकी राज्य प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग) की ओर से आरोपों का सामना करना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इन सभी बातों के बावजूद, तथ्य यह है कि अदाणी समूह के किसी भी व्यक्ति पर एफसीपीए का उल्लंघन करने या न्याय में बाधा डालने की साजिश रचने का आरोप नहीं लगाया गया है।’’
अदाणी ने कहा, ‘‘ हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां अकसर नकारात्मकता पर सच्चाई से अधिक ध्यान दिया जाता है। हम कानूनी प्रक्रियाओं में सहयोग कर रहे हैं। मैं दोहराना चाहता हूं कि हम कामकाज में वैश्विक मानकों का पालन करते हैं और उनका अनुपालन करने में कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।’’
अमेरिकी अनुसंधान एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अपनी एक रिपोर्ट में अदाणी समूह पर कॉर्पोरेट इतिहास की ‘‘सबसे बड़ी धोखाधड़ी’’ का आरोप लगाया था। इससे समूह को 150 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था।
अदाणी समूह ने कुछ भी गलत करने के आरोपों को खारिज किया और आगे बढ़ने के अपने प्रयासों पर ध्यान दिया जिसके परिणामस्वरूप इसकी अधिकतर कंपनियों के शेयर में सुधार हुआ है और समूह ने रिकॉर्ड आय दर्ज की है।
उन्होंने कहा, ‘‘ समेकित आंकड़ों के संदर्भ में समूह-स्तर पर राजस्व में सात प्रतिशत, कर पूर्व आय में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है… कुल राजस्व 2,71,664 करोड़ रुपये और समायोजित कर पूर्व आय 89,806 करोड़ रुपये रही।’’
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी के बाद एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अदाणी ने कहा कि उनके समूह का उद्देश्य सिर्फ कारोबार बढ़ाना नहीं बल्कि नई संभावनाएं उत्पन्न करना भी है।
उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘ इस संदर्भ में व्यवसायों में हमारा पूंजी निवेश सभी रिकॉर्ड तोड़ने वाला है। हम अगले पांच वर्षो के लिए 15-20 अरब अमेरिकी डॉलर के वार्षिक पूंजीगत व्यय की उम्मीद करते हैं। यह केवल हमारे समूह में निवेश नहीं है, बल्कि भारत के बुनियादी ढांचे के निर्माण में हमारे योगदान की संभावनाओं में निवेश है।’
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