कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय का लक्ष्य तीन से पांच महीने में जेनसोल इंजीनियरिंग की जांच पूरी करना

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच का उद्देश्य हर पहलू पर गौर करना है। अगले तीन से पांच महीने में जेनसोल और करीब 18 अन्य संबंधित कंपनियों की जांच पूरी करने का भी लक्ष्य है।

  • Last Updated : May 17, 2024, 14:11 IST

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का लक्ष्य संकटग्रस्त जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड और करीब 18 अन्य संबंधित कंपनियों की जांच अगले तीन से पांच महीने में पूरी करना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

वहीं राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) की प्रमुख रवनीत कौर ने बताया कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के संदर्भ के बाद एनएफआरए जेनसोल इंजीनियरिंग की प्रारंभिक जांच कर रहा है।

जेनसोल की मुश्किलें 15 अप्रैल को तब शुरू हुईं जब भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक अंतरिम आदेश पारित किया। सेबी ने धन हेराफेरी और संचालन के स्तर पर चूक मामले में जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रवर्तकों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया।

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच का उद्देश्य हर पहलू पर गौर करना है। अगले तीन से पांच महीने में जेनसोल और करीब 18 अन्य संबंधित कंपनियों की जांच पूरी करने का भी लक्ष्य है।

मंत्रालय कंपनी अधिनियम 2013 के तहत जांच कर रहा है। इसकी धारा 210 के तहत मंत्रालय को जनहित सहित विभिन्न आधारों पर किसी कंपनी के मामलों की जांच का आदेश देने का अधिकार है।

इस बीच, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अलावा ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के वित्तीय विवरणों की समीक्षा भी कर रहा है।

गौरतलब है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 15 अप्रैल को जेनसोल के प्रवर्तक के खिलाफ आदेश जारी किया था। इन प्रवर्तकों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग से ऋण राशि को निजी उपयोग के लिए गबन किया है। इससे कंपनी के कामकाज के तरीकों और वित्तीय कदाचार को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.

Published: May 20, 2025, 15:17 IST
Exit mobile version