
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सरकारी पूंजीगत व्यय और निर्यात में बढ़ोतरी के दम पर चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के 6.7 प्रतिशत रहने का मंगलवार को अनुमान लगाया है। यह एक साल पहले की समान तिमाही की 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर से अधिक है।
यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के अप्रैल-जून तिमाही में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान से भी अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आधिकारिक आंकड़ा 29 अगस्त को जारी किया जाएगा।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में निवेश गतिविधि को सरकारी पूंजीगत व्यय के अग्रिम भुगतान से बल मिला। हालांकि, भू-राजनीतिक तनाव और शुल्क संबंधी घटनाक्रमों के कारण बढ़ी अनिश्चितता के बीच यह स्वीकार्य रूप से निम्न आधार पर रही।’’
नायर ने कहा, ‘‘ मजबूत सरकारी पूंजी के साथ-साथ राजस्व व्यय, कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में अग्रिम निर्यात एवं और बेहतर उपभोग के शुरुआती संकेतों से लाभान्वित होकर वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधि में विस्तार की गति 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’
उन्होंने हालांकि निर्यात और निजी पूंजीगत व्यय के लिए शुल्क संबंधी अनिश्चितता के बीच अगली तिमाही में जीडीपी वृद्धि में कमी आने को लेकर आगाह किया जिससे चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत तक सीमित रह सकती है।
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