श्रम संहिता लागू होने से निर्यातकों को मिलेगा प्रोत्साहन: अधिकारी

उन्होंने कहा, ''निर्यात करने वाले उद्योगों के लिए ये संहिताएं लचीलापन, सरलीकरण और पूर्वानुमान उपलब्ध कराती हैं, जो वैश्विक बाजारों की अस्थिरता में प्रतिस्पर्धा करने और विदेशी अनुपालन मानकों को पूरा करने के लिए जरूरी है।''

Many labour unions, including RSS-backed Bhartiya Mazdoor Sangh, had protested against the labour codes.

वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि श्रम संहिताओं के लागू होने से देश का निर्यात तंत्र मजबूत होगा।

उन्होंने कहा कि ये सुधार अस्थिर वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने और अंतरराष्ट्रीय अनुपालन मानकों को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी थे।

अधिकारी ने कहा कि श्रमिकों के लिए ये प्रावधान निष्पक्ष मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, समानता, कौशल उन्नयन के अवसर और श्रम की गरिमा सुनिश्चित करते हैं।

एक ऐतिहासिक कदम में सरकार ने शुक्रवार को 2020 से लंबित चारों श्रम संहिताओं को लागू कर दिया।

वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि संहिताओं के हर प्रावधान अलग-अलग तरीके से भारत के निर्यात तंत्र को मजबूत करते हैं।

उन्होंने कहा, ”निर्यात करने वाले उद्योगों के लिए ये संहिताएं लचीलापन, सरलीकरण और पूर्वानुमान उपलब्ध कराती हैं, जो वैश्विक बाजारों की अस्थिरता में प्रतिस्पर्धा करने और विदेशी अनुपालन मानकों को पूरा करने के लिए जरूरी है।”

अधिकारी ने कहा, ”नियुक्ति और मजदूरी में लिंग के आधार पर भेदभाव पर रोक से समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित होगा। निर्यात उद्योगों के लिए इससे घरेलू प्रथाएं अंतरराष्ट्रीय श्रम और मानवाधिकार मानकों के अनुरूप हो जाएंगी।”

उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनकी सहमति और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ रात की पाली में काम करने की अनुमति देने का प्रावधान उन निर्यात उद्योगों के लिए बहुत फायदेमंद है, जो 24 घंटे लगातार उत्पादन करते हैं, ताकि अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर समय पर पूरे किए जा सकें।

अब परिधान, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेवाओं जैसे क्षेत्र की कंपनियां उचित परिवहन, सुरक्षा और कल्याण व्यवस्था के साथ कानूनी रूप से महिलाओं को देर रात काम पर रख सकती हैं।

Published: November 22, 2025, 13:40 IST
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