भारत 2032 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन क्षमता हासिल कर लेगा: संतोष कुमार सारंगी

यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2023 में शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत भारत ने 2030 तक हरित हाइड्रोजन की वार्षिक उत्पादन क्षमता 50 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है।

With a policy impetus to reach the target of 450 GW by 2030, the investment prospects in the renewable energy sector remains strong. The power sector's capacity addition would be driven by the renewable energy segment in the medium term, led by a strong project pipeline close to 40 GW as of date, said Icra

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव संतोष कुमार सारंगी ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत अपने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के माध्यम से 2030 तक 50 लाख टन (एमएमटी) वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता हासिल करने के लक्ष्य से चूक सकता है। हालांकि वह इसे 2032 तक हासिल कर लेगा।

हरित हाइड्रोजन सम्मेलन के तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक सत्र को संबोधित करते हुए सारंगी ने कहा, ‘‘ हम लक्ष्य (2030 तक 50 लाख टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता ग्रीन हाइड्रोजन) से पीछे रह सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि देश 2032 तक 50 लाख टन वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता हासिल कर लेगा।

यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2023 में शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत भारत ने 2030 तक हरित हाइड्रोजन की वार्षिक उत्पादन क्षमता 50 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत 2030 तक 30 लाख टन वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता हासिल कर सकता है। ’’

वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 50 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने की वार्षिक आवश्यकता के बारे में सारंगी ने कहा कि भारत बिजली खरीद या बिक्री समझौतों पर हस्ताक्षर के लिए पहले से ही लंबित 40 गीगावाट क्षमता पर ध्यान केंद्रित करेगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में 160 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं।

भारत को 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हर साल कम से कम 50 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़नी होगी।

Published: November 11, 2025, 14:58 IST
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