भारत और यूरोपीय संघ के बीच पैसे भेजना होगा आसान,RBI ने शुरू की UPI TIPS; जानें कैसे करेगा काम

G20 का लक्ष्य है कि वैश्विक रेमिटेंस सेवाएं तेज, सस्ती और ट्रांसपेरेंट हो. RBI की UPI TIPS कड़ी इसी लक्ष्य को आगे बढ़ाती है. इससे भारत की डिजिटल भुगतान व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती मिलेगी. पेरू भी अगले साल भारत जैसी रीयल टाइम पेमेंट सिस्टम शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जिससे यह मॉडल वैश्विक स्तर पर अपनाया जा रहा है.

भारत में डिजिटल भुगतान को और तेज बनाने के लिए RBI ने एक बड़ा कदम उठाया है. रिजर्व बैंक ने UPI को यूरो सिस्टम के टारगेटइंस्टेंट पेमेंट सेटलमेंट यानी TIPS से जोड़ने का ऐलान किया है. इससे भारत और यूरो क्षेत्र के बीच पैसे भेजना पहले से काफी आसान और सस्ता होगा. यह पहल G20 के उस रोडमैप से मेल खाती है जिसका लक्ष्य है कि इंटरनेशनल पेमेंट तेज, ट्रांसपेरेंट और कम खर्च वाले बने. RBI, NIPL और यूरोपियन सेंट्रल बैंक मिलकर इस प्रणाली को पूरी तरह लागू करने पर काम कर रहे है.

UPI TIPS क्या है

UPI TIPS कड़ी भारत के UPI सिस्टम को यूरो सिस्टम के रीयल टाइम पेमेंट सिस्टम TIPS से जोड़ेगी. इससे भारत और यूरो क्षेत्र के बीच तुरंत भुगतान संभव होगा. इस कड़ी को आरबीआई, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड और यूरोपियन सेंट्रल बैंक मिलकर विकसित कर रहे है. इसका मकसद दोनों क्षेत्रों के ग्राहकों को तेज और सुगम रेमिटेंस सेवा देना है.

कैसे काम करेगी UPI TIPS कड़ी

UPI को TIPS से जोड़ने के लिए भारतीय और यूरोपीय केंद्रीय बैंक तकनीकी इंटीग्रेशन, सुरक्षा व्यवस्था और पेमेंट सेटलमेंट सिस्टम पर मिलकर काम कर रहे है. यह व्यवस्था शुरू होने के बाद यूरोप में रहने वाले भारतीय आसानी से तुरंत पैसे भारत भेज सकेंगे. वही भारत से यूरो क्षेत्र में भुगतान भी तेज और सुरक्षित तरीके से हो सकेगा.

G20 रोडमैप से मेल खाती पहल

G20 का लक्ष्य है कि वैश्विक रेमिटेंस सेवाएं तेज, सस्ती और ट्रांसपेरेंट हो. RBI की UPI TIPS कड़ी इसी लक्ष्य को आगे बढ़ाती है. इससे भारत की डिजिटल भुगतान व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती मिलेगी. पेरू भी अगले साल भारत जैसी रीयल टाइम पेमेंट सिस्टम शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जिससे यह मॉडल वैश्विक स्तर पर अपनाया जा रहा है.

युजर्स को क्या फायदे होंगे

UPI TIPS सिस्टम लागू होने के बाद भारत और यूरो जोन के बीच पैसे भेजने का खर्च काफी कम होगा. लेनदेन में देर भी कम होगी और कारोबारियों को यूरोप में भारतीय क्यूआर पेमेंट स्वीकार करने में आसानी होगी. इससे भारत के पर्यटकों और छात्रों को भी बड़ी सुविधा मिलेगी. यह कदम UPI को ग्लोबल पेमेंट सिस्टम के रूप में मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा.

Published: November 22, 2025, 13:42 IST
Exit mobile version