अमेरिकी टैरिफ अनिश्चितता से धीमा हो सकता है भारत का कैपेक्स, क्रिसिल ने जताई चिंता

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क चालू वित्त वर्ष 2025-26 में पूंजीगत व्यय के फैसलों के लिए बाधा बन सकते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिससे कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया। क्रिसिल का मानना है कि यह निवेश की धारणा को प्रभावित कर सकता है। मुक्त व्यापार समझौते (FTA) शुल्क बाधाओं को कम कर निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकते हैं।

Proceeds of the fresh issue would be used to fund capital expenditure requirements, to support incremental working capital needs, and repayment or prepayment of loans availed by the company.

अमेरिकी शुल्क को लेकर अनिश्चितताएं चालू वित्त वर्ष 2025-26 में पूंजीगत व्यय के फैसले में नई बाधा बन सकती हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को यह बात कही।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर लगाया गया अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क बुधवार से प्रभावी हो गया। भारत पर अमेरिका द्वारा लगाया गया कुल शुल्क अब 50 प्रतिशत हो गया है।

क्रिसिल ने कहा कि सरकार अब तक निवेश को बढ़ावा दे रही है, जबकि निजी कॉर्पोरेट पूंजीगत व्यय धीमा बना हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, शुल्क लगाने से धारणा प्रभावित होने की आशंका है.. भले ही स्वस्थ कॉर्पोरेट बही-खाता नए निवेश का समर्थन कर रहा हो।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मौजूदा अनिश्चित माहौल में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) शुल्क बाधाओं को कम करके और पूर्वानुमानित व्यापार नीतियों को स्थापित करके निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकते हैं।

भारत पर अमेरिकी शुल्क बांग्लादेश, वियतनाम और इंडोनेशिया पर लगाए गए शुल्क से अधिक हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और उच्च बिजली एवं भूमि लागत जैसी घरेलू अक्षमताएं जैसी नई चुनौतियां अनुकूल व्यापक आर्थिक मानकों के बावजूद भारतीय निजी क्षेत्र के उत्साह को रोक रही हैं।

ये अवसर ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते जैसे नए व्यापार समझौतों और कॉर्पोरेट घरानों की निवेश करने की क्षमता से उत्पन्न होते हैं।

Published: August 27, 2025, 14:32 IST
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