सीमित दायरे में रह सकता सोना, अमेरिकी केंद्रीय बैंक की दर कटौती से सकारात्मक रुख की उम्मीद

विश्लेषकों ने कहा कि व्यापारी दूसरी तिमाही की जीडीपी और पीसीई (व्यक्तिगत खपत व्यय) महंगाई दर जैसे अमेरिका के कुछ प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों के बयानों पर बारीकी से नजर रखेंगे.

सोने की कीमतें अभी कुछ समय तक सीमित दायरे में रह सकती हैं, लेकिन अमेरिकी केंद्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व) के सितंबर में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दर कम करने की उम्मीदों के बीच कुल मिलाकर सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है. विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी.

विश्लेषकों ने कहा कि व्यापारी दूसरी तिमाही की जीडीपी और पीसीई (व्यक्तिगत खपत व्यय) महंगाई दर जैसे अमेरिका के कुछ प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों के बयानों पर बारीकी से नजर रखेंगे. इन जानकारियों से उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति क्या होगी और सोने के बाजार की दिशा क्या रहेगी.

जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, ‘सोने की कीमतें भले ही कुछ समय के लिए स्थिर रहें, लेकिन उनका रुझान सकारात्मक रहने की उम्मीद है.’

उन्होंने बताया कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों से सितंबर की बैठक में ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं. निवेशक भू-राजनीतिक और व्यापार से जुड़ी घटनाओं पर भी नजर बनाए रखेंगे.

मेर ने कहा, ‘‘बाजार रूस-यूक्रेन शांति प्रक्रिया और 27 अगस्त से भारत पर रूस से तेल खरीद पर लगाई जाने वाले अतिरिक्त शुल्क के लागू होने पर बारीकी से नजर रखेंगे.’’

पिछले सप्ताह, सोने ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर एक बार फिर एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया और 956 रुपये (एक प्रतिशत) की बढ़त के साथ 1,00,391 रुपये तक गया.

यह बढ़त अमेरिकी केंद्रीय बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवेल द्वारा जैक्सन होल संगोष्ठी में मौद्रिक नीति में संभावित बदलाव के संकेत देने के बाद देखी गई, जहां उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि केंद्रीय बैंक दिसंबर के बाद पहली बार जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.

अमेरिकी केंद्रीय बैंक की आगामी एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) बैठक 16-17 सितंबर को होनी है.

हालांकि पॉवेल ने यह भी कहा कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्कों का घरेलू कीमतों पर बड़ा असर पड़ता है, तो ब्याज दर में कटौती को साल के अंत तक टाला भी जा सकता है.

एंजेल वन के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (शोध, गैर-कृषि उत्पाद और मुद्रा) प्रथमेश माल्या के अनुसार, ‘पिछले कुछ हफ्तों में बाजार में ऐसी कोई बड़ी खबर या घटना नहीं हुई थी जो सोने की कीमतों को ऊपर ले जा सके, इसीलिए कीमतों में गिरावट देखने को मिली. लेकिन अमेरिकी केंद्रीय बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के हालिया बयान ने निवेशकों को फिर से उम्मीद दी और बाजार में उत्साह बढ़ा दिया.’

मल्ल्या ने आगे कहा कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता अब भी बनी हुई है.

उन्होंने कहा, ‘‘रूस-यूक्रेन शांति वार्ता पर चर्चा हो रही है, लेकिन उसका नतीजा कितना व्यावहारिक होगा, इस पर अभी भी सवाल हैं. वहीं, ट्रंप के कार्यकाल में शुल्कों का मुद्दा अंतहीन लगता है.’’

Published: August 24, 2025, 18:42 IST
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