
बंदरगाह से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में फैले अदाणी समूह की अगले छह वर्षों में भारत में 12 लाख करोड़ रुपये तक निवेश करने की योजना है। समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने यह जानकारी दी।
अदाणी ने कहा कि बुनियादी ढांचे, खनन, नवीकरणीय ऊर्जा और बंदरगाहों समेत अन्य क्षेत्रों में बड़ा निवेश किया जाएगा।
अडाणी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”निवेश की अपार संभावनाएं हैं। हम अगले छह साल में भारत में 10 से 12 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।”
उद्योगपति ने कहा कि कोरपोरेट भारत और उद्योगपति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भरता के आह्वान के साथ जुड़ रहे हैं, जिसे उन्होंने भारत की नई स्वतंत्रता बताया है।
अदाणी ने कहा, ”आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए संघर्ष जारी है… प्रधानमंत्री ने भी इसका आह्वान किया है… यह एक नई आजादी है। हर उद्योगपति और हर समूह इसी पर काम कर रहा है।”
वह आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए यहां आये थे।
उन्होंने कहा, प्रस्तावित निवेश में बुनियादी ढांचा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा परिवर्तन, बंदरगाह और अन्य चीजें शामिल होंगी।
अदाणी ने कहा, ‘हमने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों में से एक बनने के लिए निवेश किया है… हम ऐसे विस्तार की तैयारी कर रहे हैं जो अगले दशक के लिए भारत की आकांक्षाओं से मेल खाता हो।’
अदाणी समूह गुजरात के खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क बना रहा है, जो 520 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
वर्ष 2030 तक पूरी क्षमता पर इस पार्क से 30 गीगावॉट हरित ऊर्जा उत्पन्न होने की उम्मीद है, जो प्रति वर्ष छह करोड़ से अधिक घरों को बिजली देने के बराबर होगी।
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