अदाणी ने एडब्ल्यूएल में शेष सात प्रतिशतअदाणी ने एडब्ल्यूएल

इस लेन-देन से परिचित लोगों के अनुसार, वैनगार्ड, चार्ल्स श्वाब, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, एसबीआई म्यूचुअल फंड, टाटा एमएफ, क्वांट एमएफ और बंधन एमएफ सहित घरेलू म्यूचुअल फंड हाउस ने यह हिस्सेदारी खरीदी है।

अदाणी समूह ने अदाणी विल्मर लिमिटेड (एडब्ल्यूएल) में अपनी शेष सात प्रतिशत हिस्सेदारी एक ‘ब्लॉक डील’ में बेच दी है।

इस लेन-देन से परिचित लोगों के अनुसार, वैनगार्ड, चार्ल्स श्वाब, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, एसबीआई म्यूचुअल फंड, टाटा एमएफ, क्वांट एमएफ और बंधन एमएफ सहित घरेलू म्यूचुअल फंड हाउस ने यह हिस्सेदारी खरीदी है।

सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य एशियाई बाजारों के कई अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने भी ‘क्लीन-आउट ब्लॉक’ में निवेश किया।

बाजार सूत्रों का कहना है कि प्रवर्तक संरचना के स्थिर होने के साथ ही विल्मर के दीर्घकालिक संस्थागत साझेदारों जैसे कि जीआईसी द्वारा एडब्ल्यूएल में अपना निवेश बढ़ाने की उम्मीद है।

इस सप्ताह की शुरुआत में अदाणी समूह ने एडब्ल्यूएल में अपनी 13 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर अपनी हिस्सेदारी घटाकर सात प्रतिशत कर ली थी।

एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस लिमिटेड (पूर्व में अदाणी विल्मर लिमिटेड) ने अदाणी एंटरप्राइजेज द्वारा अपनी 44 प्रतिशत हिस्सेदारी पूरी तरह से बेचने के बाद प्रमुख शेयरधारक पुनर्गठन पूरा कर लिया है। इसमें 20 नवंबर को 275 रुपये प्रति शेयर की दर से अंतिम सात प्रतिशत ‘क्लीन-आउट ब्लॉक’ भी शामिल है।

अदाणी एंटरप्राइजेज को इससे कुल 15,707 करोड़ रुपये मिले।

अब पूर्ण निकासी पूरी हो जाने के साथ सिंगापुर स्थित विल्मर इंटरनेशनल अनुमानित 57 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एकमात्र प्रवर्तक बन गया जिससे एडब्ल्यूएल को एक स्पष्ट बहुराष्ट्रीय स्वामित्व छवि प्राप्त हुई है।

एडब्ल्यूएल भारत की सबसे बड़ी खाद्य तेल फ्रैंचाइजी ‘फॉर्च्यून’ ब्रांड का विपणन करती है।

विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी के व्यवसाय के मूल कारक मजबूत बने हुए हैं जिन्हें विल्मर के वैश्विक सोर्सिंग नेटवर्क और एडब्ल्यूएल के गहन घरेलू वितरण का समर्थन प्राप्त है।

Published: November 21, 2025, 12:33 IST
Exit mobile version