डिविडेंड यील्ड के साथ ग्रोथ वाली कंपनियों में लंबे समय के निवेश पर मिलता है ज्यादा फायदा

कॉरपोरेट कंपनियों की आमदनी भी खास नहीं रही और विदेशी निवेशकों का पैसा लगातार बाहर जा रहा है. इसकी वजह से इंडेक्स थोड़े-बहुत ही घूमते रहे. ऐसे माहौल में फ्लेक्सी कैप फंड्स पर ध्यान गया

म्‍यूचुअल फंड

पिछले एक साल में बाजार ज्यादातर फ्लैट ही रहे हैं. इसका कारण कई राजनीतिक घटनाएं और ट्रम्प की टैरिफ की घोषणाएं रही हैं. इसके अलावा, कॉरपोरेट कंपनियों की आमदनी भी खास नहीं रही और विदेशी निवेशकों का पैसा लगातार बाहर जा रहा है. इसकी वजह से इंडेक्स थोड़े-बहुत ही घूमते रहे. ऐसे माहौल में फ्लेक्सी कैप फंड्स पर ध्यान गया, क्योंकि ये अलग-अलग कंपनी साइज़ में निवेश कर सकते हैं और इसमें आकर्षक ऑप्शन भी दिखते हैं.

लेकिन एक और बढ़िया विकल्प है, जिसे निवेशक ध्यान में रख सकते हैं. ये है ICICI प्रूडेंशियल डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड. नाम से ही समझ आता है कि ध्यान डिविडेंड देने वाली कंपनियों पर रहेगा.

आम तौर पर डिविडेंड यील्ड फंड्स उन्हीं कंपनियों पर ध्यान देते हैं, जो ज्यादा डिविडेंड देती हैं. लेकिन ऐसा करने से लॉन्ग टर्म में कैपिटल एप्रिसिएशन कम होता है. इस वजह से रिटर्न भी अक्सर औसत से कम रहता है. ICICI प्रूडेंशियल डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड बाकी फंड्स से अलग इसलिए है क्योंकि ये ऐसी कंपनियों में निवेश करता है, जो न केवल स्टेबल डिविडेंड देती हैं बल्कि लॉन्ग टर्म में अच्छे ग्रोथ का भी वादा करती हैं. फंड को मार्केट कैप और मैनेजमेंट स्टाइल में फुल फ्रीडम दी गई है. इसलिए ये मिड-टू-लॉन्ग टर्म में अपने बेंचमार्क और बाकी फंड्स से बेहतर परफॉर्म कर रहा है.

ICICI प्रूडेंशियल डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड ने अपने कैटेगरी में काफी आगे बढ़कर अच्छा परफॉर्म किया है. यह न सिर्फ अपने बेंचमार्क Nifty 500 TRI से बेहतर रहा बल्कि बाकी फंड्स से भी आगे निकल गया. अगस्त 31, 2025 तक पिछले 1, 3, 5 और 10 साल में ये बेंचमार्क से 3-9% और कैटेगरी एवरेज से 2-6% बेहतर रिटर्न दे चुका है. फंड मई 2014 से चल रहा है. अगर कोई निवेशक शुरुआत से हर महीने 10,000 रुपये SIP करता तो अगस्त 2025 तक उसकी इन्वेस्टमेंट वैल्यू करीब 41.3 लाख रुपये होती, यानी CAGR (XIRR) 18.7% बनती. वहीं, उसी रकम का निवेश अगर Nifty 500 TRI में होता तो 32.6 लाख रुपये बनते, यानि कि CAGR 14.9% ही होता.

जनवरी 2018 से अगस्त 2025 तक की चलती 5 साल की रिटर्न पर, यह फंड अपने बेंचमार्क को अच्छे खासे अंतर से पीछे छोड़ देता है और शानदार रिटर्न देता है. जब रिस्क के माप की बात आती है, तो यह फंड कई मामलों में अच्छा प्रदर्शन करता है. शार्प रेशियो, जो फंड के रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न को बताता है 0.49 है जो कि कैटेगरी का औसत 0.33 से काफी ज्यादा है. सॉर्टिनो रेशियो और जेनसन अल्फा में भी यही स्थिति है.

ICICI प्रूडेंशियल डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड को मार्केट कैप के हिसाब से निवेश करने की पूरी आजादी है. पिछले सालों में बड़े कैप स्टॉक्स का हिस्सा काफी अधिक रहा है. शुरुआत से लेकर 2024 के मध्य तक, जब मिड और स्मॉल कैप्स अच्छा कर रहे थे तो पोर्टफोलियो में 30-35% हिस्सा मिड और स्मॉल कैप्स का था. लेकिन जून 2024 के बाद फंड ने छोटे कैप्स से एक्सपोजर कम किया और स्टेबल बड़े कैप कंपनियों में निवेश बढ़ाया.

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के सीनियर फंड मैनेजर मितुल कलावाडिया कहते हैं कि फंड के सेक्टर्स की बात करें तो, 2020 में फंड का अच्छा खासा एक्सपोजर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, फार्मास्यूटिकल और पावर कंपनियों में था जो सही ग्रोथ के साथ डिविडेंड यील्ड भी दे रहे थे. इस वजह से फंड ने अच्छा परफॉर्म किया. बाद में ग्रोथ में मंदी आने पर IT और फार्मा सेक्टर में एक्सपोजर कम कर दिया गया. उसके बाद बैंक सेक्टर में एलोकेशन बढ़ा दी गई, जिससे फंड ने सितंबर 2024 से मार्केट करेक्शन के बावजूद भी अच्छा प्रदर्शन किया. ऑटोमोबाइल, पावर, ऑयल, गैस और कंज्यूमेबल फ्यूल्स भी फंड के पोर्टफोलियो के अहम घटक हैं. इन सभी सेक्टर्स की मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियां, जिनमें ग्रोथ की संभावना हो और ठीक-ठाक डिविडेंड यील्ड मिले, फंड के इक्विटी एलोकेशन का बाकी हिस्सा बनाती हैं.

फंड समय-समय पर लगभग 5-11% अपनी पोर्टफोलियो का हिस्सा कैश, डेब्ट और अन्य एसेट्स में रखता है, जिससे मार्केट करेक्शन के दौरान फंड ने ठीक-ठाक डाउनसाइड प्रोटेक्शन भी दिया है. इसी ढांचे को ध्यान में रखते हुए, निवेशक इस फंड को SIP के लिए चुन सकते हैं और इसे अपनी पोर्टफोलियो का प्रमुख हिस्सा बना सकते हैं.

Published: September 8, 2025, 11:22 IST
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