
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारियों के साथ बैठक की। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान साइबर अपराधियों द्वारा ठगी से हासिल रकम को ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे फर्जी खातों पर शिकंजा कसने और बैंक धोखाधड़ी से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।
चेन्नई में हुई इस समन्वय बैठक में सीबीआई के बैंक सुरक्षा एवं धोखाधड़ी प्रकोष्ठ के वरिष्ठ अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य सतर्कता अधिकारी और वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
सीबीआई इस समय बैंक धोखाधड़ी से जुड़े जिन मामलों की जांच कर रही है, बैठक में उन सभी पर चर्चा हुई। साथ ही विभागों के बीच सहयोग बढ़ाने और ऐसे मामलों की जांच में तेजी लाने के उपायों पर भी विचार किया गया।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पूर्व मंजूरी और मुकदमे की मंजूरी पाने से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने और सक्रिय सहयोग सुनिश्चित करने पर विचार किया गया।’’
सीबीआई और बैंक अधिकारियों ने बैंक धोखाधड़ी के मामलों से संबंधित जानकारियों का आदान-प्रदान किया और साथ ही लंबित मामलों से जुड़ी मौजूदा प्रगति और समस्याओं पर भी चर्चा की।
प्रवक्ता ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल हो रहे फर्जी खातों से जुड़े मुद्दों और उन्हें रोकने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।
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