
केंद्र ने रविवार को कहा कि उसने पंजाब में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत एक भी लाभार्थी का नाम नहीं हटाया है और न ही खाद्यान्न कोटा कम किया है. केंद्र ने राज्य सरकार से केवल निर्धारित मानदंडों के आधार पर लाभार्थियों की दोबारा जांच करने को कहा है ताकि पात्र दावेदारों को लाभ मिल सके. इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया था कि उनकी सरकार को केंद्र से एक रिपोर्ट मिली है, जिसमें पंजाब में 8,02,493 राशन कार्ड धारकों के नाम हटाने की बात कही गई है क्योंकि वे अब पात्र नहीं हैं.
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पंजाब सरकार झूठ फैलाने की कोशिश कर रही है.
जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने पंजाब में किसी भी लाभार्थी का नाम हटाने का कोई निर्देश नहीं दिया है.’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के तहत 1.41 करोड़ गरीब लोग खाद्यान्न पाने के हकदार हैं और केंद्र इन सभी लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न आवंटित कर रहा है.
जोशी ने कहा, ‘‘हमने आवंटन में एक किलो भी कमी नहीं की है.’’
उन्होंने इस मामले में विस्तार से बताते हुए कहा कि केंद्र ने अप्रैल 2023 में सभी राज्यों को एनएफएसए के तहत सभी लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी करने के लिए लिखा था.
समय सीमा जून 2025 थी और पंजाब सरकार ने 90 प्रतिशत लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर ली है.
जोशी ने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, ‘‘10 लाख से ज्यादा लाभार्थी संदिग्ध हैं. इसका मतलब है कि अनाज कालाबाजारी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि पंजाब में लगभग 9.45 लाख लाभार्थी ऐसे हैं जिनकी सालाना आय छह लाख रुपये से ज्यादा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘पंजाब सरकार को लाभार्थियों का आंकड़ा ठीक करना चाहिए. जो लोग पात्र नहीं हैं उनके नाम हटाए जाने चाहिए और उन योग्य गरीबों के नाम शामिल किए जाने चाहिए जिन्हें राशन नहीं मिल रहा है.’’
जोशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) शासित पंजाब सरकार गलत लाभार्थियों को अनाज दिए जाने को रोकने के बजाय केंद्र पर आरोप लगा रही है.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वह (पंजाब के मुख्यमंत्री) अवैध लेन-देन नहीं रोकना चाहते. भगवंत मान जी और आप भ्रष्टाचार नहीं रोकना चाहती. वे केंद्र सरकार पर गलत आरोप लगा रहे हैं.’’
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने बिना समझे, किसी के बहकावे में आकर यह मुद्दा उठाया है.
जोशी ने कहा कि एनएफएसए के तहत लाभार्थियों की पहचान राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है.
मंत्री ने पंजाब सरकार से अपने आंकड़े दुरूस्त करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘गरीबों को मुफ्त राशन मिलना चाहिए. जिन गरीबों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें सूची में शामिल किया जाना चाहिए.’’
इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री के संवाददाता सम्मेलन के बाद, जोशी ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा था, ‘‘भगवंत मान को तथ्यों को सही से समझने की जरूरत है.’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी का निर्देश उच्चतम न्यायालय ने दिया था और केंद्र केवल राज्यों से इसे लागू करने के लिए कह रहा है.
मंत्री ने कहा कि पंजाब को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कई बार समय-सीमा बढ़ाई गई है. केंद्र ने केवल पंजाब सरकार द्वारा निर्धारित समावेश मानदंडों के आधार पर लाभार्थियों की पुनः जांच करने को कहा है.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार एक भी राशन कार्ड को नहीं हटाने देगी. राज्य में एनएफएसए के तहत 1.53 करोड़ लाभार्थी हैं, जिन्हें गेहूं मिलता है. आप सरकार हमेशा गरीबों के साथ खड़ी है.
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