
देश के तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन, सोयाबीन और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट आई जबकि कम आपूर्ति और सुस्त कारोबार के बीच सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन और सोयाबीन तिलहन के भाव पूर्व-स्तर पर स्थिर रहे। शिकागो एक्सचेंज में गिरावट चल रही है जबकि मलेशिया एक्सचेंज दोपहर 3.30 बजे गिरावट के रुख पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि पाम, पामोलीन का दाम पहले के उच्च स्तर से कुछ कम यानी सोयाबीन तेल से कम हुआ है। लेकिन प्रसंस्करण लागत को जोड़कर देखें तो यह भाव सोयाबीन तेल के आसपास ही बैठता है। सीपीओ का दाम सोयाबीन तेल से पांच-सात रुपये प्रति किलो कम नहीं होने पर यह बाजार में खप नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से जून, जुलाई, अगस्त में पाम तेल का उत्पादन काफी बढ़ जाता है। ऐसे में मलेशिया, इंडोनेशिया में सीपीओ के दाम कम करने की कोशिश की जा रही है ताकि इसकी वैश्विक खपत प्रभावित ना हो।
सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज में गिरावट रहने के बीच सोयाबीन तेल कीमतों में भी मामूली नरमी दिखी। दूसरी ओर, किसानों द्वारा कम दाम पर बिकवाली कम करने और प्लांट की ओर से ऊंचे दाम दाम पर खरीद नहीं करने से सोयाबीन तिलहन के दाम स्थिर बने रहे। वैसे भी एमएसपी से कम दाम पर सोयाबीन की बिकवाली हो रही है। उन्होंने कहा कि मूंगफली, सोयाबीन का हाजिर दाम जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे चल रहा है वहीं सहकारी संस्था नेफेड द्वारा इन फसलों की एमएसपी से काफी नीचे दाम पर बिकवाली की जा रही है। इससे किसानों का रुख बदलने का जोखिम बना हुआ है जिसका असर इन फसलों की बिजाई पर हो सकता है।
पाम-पोमोलीन तेल के बिनौला तेल से सस्ता होने के कारण कम उपलब्धता के बावजूद बिनौले की मांग प्रभावित हुई है जिससे बिनौला तेल कीमत में भी गिरावट रही। दूसरी ओर, कम आवक के बीच प्लांट मिलों द्वारा सरसों का दाम 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने तथा उपलब्धता कम रहने के बावजूद कारोबार सुस्त रहने से सरसों तेल-तिलहन के भाव पूर्ववत बने रहे। इस बार पाम-पामोलीन के महंगा रहने से अप्रैल में सरसों की रिकॉर्ड मात्रा में पेराई हुई है। लेकिन अप्रैल में सरसों की जो आवक आम तौर पर 12-13 लाख बोरी हुआ करती थी, वह इस बार छह-सात लाख बोरी के पास ही बनी हुई है। सुस्त कारोबार और सरकारी बिकवाली के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव में भी स्थिरता बनी रही।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,300-6,400 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 5,625-6,000 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,900 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,220-2,520 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,365-2,465 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,365-2,490 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,950 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,700 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 11,950 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,450-4,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,150-4,200 रुपये प्रति क्विंटल।
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