भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की मांग 2032 तक कई गुना बढ़कर 256.3 गीगावॉट हो जाएगी:रिपोर्ट

‘2025 ईवी बैटरी टेक्नोलॉजी रिव्यू रिपोर्ट’ के अनुसार, अगले सात वर्ष में 35 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है जो देश के मोटर वाहन क्षेत्र में एक बड़े बदलाव का संकेत है।

BPCL in a statement said that building a robust electric vehicle infrastructure will give the company a new business opportunity as well as a hedge against the risk of displacement of auto fuels.

भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी बाजार की मांग 2025 के 17.7 गीगावाट से कई गुना बढ़कर 2032 तक 256.3 गीगावाट हो जाएगी।

कस्टमाइज्ड एनर्जी सॉल्यूशंस (सीईएस) की शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विद्युतीकरण की दिशा में हो रहे प्रयासों के कारण यह तीव्र वृद्धि हो रही है। ईंधन की बढ़ती कीमतें, उपभोक्ताओं की मजबूत मांग, तेजी से नए मॉडल की पेशकश और सशक्त नीतिगत समर्थन, ये सभी कारक मिलकर एक अद्वितीय वृद्धि का माहौल बना रहे हैं।

‘2025 ईवी बैटरी टेक्नोलॉजी रिव्यू रिपोर्ट’ के अनुसार, अगले सात वर्ष में 35 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है जो देश के मोटर वाहन क्षेत्र में एक बड़े बदलाव का संकेत है।

सीईएस के प्रबंध निदेशक विनायक वालिम्बे ने बयान में कहा, ‘‘बैटरी रसायन विज्ञान में हुई अभूतपूर्व प्रगति भारत की इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति का मूल आधार है। एलएफपी जेन-4 जैसी नवीनताएं एवं सोडियम-आयन प्रौद्योगिकी का उदय मात्र प्रौद्योगिकी उन्नयन नहीं हैं, ये ऐसे क्रांतिकारी बदलाव हैं जो इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक किफायती, सुरक्षित एवं एक बार चार्ज करने पर अधिक दूरी तय करने में सक्षम बनाएंगे।’’

रिपोर्ट में कहा गया कि इस वृद्धि के केंद्र में बैटरी रसायन विज्ञान में हुई क्रांति है। वैश्विक प्रगति लिथियम-आयन बैटरियों विशेष रूप से अगली पीढ़ी की एलएफपी (लिथियम आयरन फॉस्फेट) और एनसीएम (निकल कोबाल्ट मैंगनीज) प्रौद्योगिकियों को ऊर्जा घनत्व, सुरक्षा एवं लागत प्रतिस्पर्धात्मकता की नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।

भारतीय बैटरी विनिर्माता, उत्पादन क्षमता में बड़े पैमाने पर विस्तार और प्रौद्योगिकी विविधीकरण के साथ तालमेल बैठा रहे हैं।

सीईएस ऊर्जा बाजारों में होने वाले परिवर्तनों को प्रबंधित करने एवं उनसे आगे रहने में ग्राहकों की सहायता करता है। इसने इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस (आईईएसए) की स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाई है, जो भारत में ऊर्जा भंडारण, ई-परिवहन और हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक प्रमुख उद्योग निकाय है।

Published: December 12, 2025, 14:30 IST
Exit mobile version