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एक एकड़ में मखाने की खेती से ये किसान कमा रहा लाखों रुपये, बजट 2025 के इस फैसले से आप भी भर सकते हैं तिजोरी

Agriculture Success Story: बिहार के मिथलांचल क्षेत्र में किसान सबसे अधिक मखाने की खेती करते हैं. आज हम दरभंगा जिले के एक ऐसे ही किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिनकी किस्मत मखाने की खेती से बदल गई है.

  • Money9
  • Last Updated : February 2, 2025, 20:00 IST
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मखाना किसान
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Makhana Cultivation: मखाने का नाम सुनते ही जेहन में सबसे पहले बिहार का नाम उभर कर सामने आता है. क्योंकि देश में सबसे अधिक मखाने की खेती और पैदावार बिहार में ही होती है. ऐसे भी यहां के मिथलांचल क्षेत्र में किसान बड़े स्तर पर मखाने की खेती करते हैं. इससे कई किसानों की जिन्दगी बदल गई है. आज हम एक ऐसे ही किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो मखाने की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. साथ ही वे अब दूसरे युवा किसानों को भी मखाने की खेती की ट्रेनिंग दे रहे हैं. दरअसल, हम जिस युवा किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं, उनका नाम धीरेन्द्र कुमार है. वे दरभंगा जिले के बेलवाड़ के रहने वाले हैं. धीरेन्द्र कुमार पिछले कई साल से वैज्ञानिक विधि से एक एकड़ में मखाने की खेती कर रहे हैं. इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है. खास बात यह है कि धीरेन्द्र कुमार ने मखाना अनुसंधान संस्थान से मखाने की खेती करने के लिए ट्रेनिंग ली. इसके बाद बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की सब्सिडी राशि से मखाने की खेती शुरू कर दी.

1 एकड़ में मखाने की खेती

बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय की वेबसाइट के मुताबिक, धीरेन्द्र कुमार 1 एकड़ में मखाने की खेती कर रहे हैं, इससे उन्हें साल में 1 लाख रुपये से अधिक की कमाई हो रही है. अब धीरेन्द्र कुमार की सफलता देखकर 100 से अधिक किसान उनकी राह पर चल पड़े हैं. यानी इन किसानों ने भी मखाने की खेती शुरू कर दी है. धीरेन्द्र कुमार का कहना है कि उनके गांव के अधिकांश किसान अब जल कृषि अपना रहे हैं. यानी पानी में उगने वाले फसलों की ही खेती कर रहे हैं. धीरेंद्र कुमार का कहना है कि कोरोना काल के दौरान गांव लौटे कई युवाओं को मैंने मखाने और सिघाड़े की खेती करने की ट्रेनिंग दी है. ये भी पढ़ें- Agriculture Budget 2025: 10 प्वाइंट में समझें बजट 2025 में कृषि और किसानों के लिए क्या है खास

गेहूं और दलहन से भी कमाई

धीरेन्द्र कुमार एक ही खेत में कई फसलों की खेती कर रहे हैं. वे वैज्ञानिक विधि से खरीफ फसल के रूप में मखाने और सिघाड़े उगा रहे हैं. साथ ही वे उसी खेत में मछली पालन भी करते हैं. इससे उन्हें अतिरिक्त कमाई हो रही है. इसके अलावा वे गेहूं, दलहन और तिलहन की भी खेती से मुनाफा कमा रहे हैं. धीरेन्द्र कुमार का कहना है कि शुरुआत में मखाने की खेती करना आसान नहीं था. लोगों ने सलाह दी कि इसकी खेती में नुकसान भी हो सकता है. लेकिन मैंने हार नहीं मानी और लगन के साथ मखाने की खेती शुरू कर दी. अब मखाने की खेती से उनकी पहचान सफल किसान के रूप में हो गई है.

मखाना बोर्ड के गठन का ऐलान

बता दें कि कल ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए बिहार में मखाना बोर्ड गठित करने का ऐलान किया है. इस बोर्ड के गठन करने का मुख्य उदेश्य मखाना के प्रोडक्शन, मार्केटिंग और प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना है. कहा जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से बिहार के किसानों को बहुत फायदा होगा. इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी. ये भी पढ़ें- Agriculture Budget 2025: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की होगी शुरुआत, 1.7 करोड़ किसानों को होगा फायदा
Published: February 2, 2025, 20:00 IST

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