
विदेशी निवेशकों ने इस महीने के पहले दो हफ्तों में भारतीय शेयर बाजार से 17,955 करोड़ रुपये निकाले हैं, जिससे 2025 में अब तक कुल निकासी बढ़कर 1.6 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
यह भारी निकासी नवंबर में 3,765 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी के बाद हुई है, जिससे घरेलू शेयर बाजारों पर दबाव बना हुआ है।
अक्टूबर में थोड़े समय के लिए यह रुझान थमा था, जब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 14,610 करोड़ रुपये का निवेश किया और तीन महीनों से जारी भारी बिकवाली का सिलसिला टूटा था। इससे पहले एफपीआई ने सितंबर में 23,885 करोड़ रुपये, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार एक से 12 दिसंबर के बीच एफपीआई ने भारतीय शेयरों से शुद्ध रूप से 17,955 करोड़ रुपये निकाले।
बाजार विशेषज्ञों ने इस लगातार निकासी के पीछे कई कारण बताए हैं, जिनमें रुपये में तेज गिरावट और भारतीय शेयरों का अपेक्षाकृत महंगा मूल्यांकन शामिल है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में प्रधान प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका में ऊंची ब्याज दरें, सख्त नकदी स्थिति और सुरक्षित या अधिक प्रतिफल देने वाली परिसंपत्तियों की ओर निवेशकों के झुकाव के चलते भारतीय बाजारों पर दबाव बना हुआ है।
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