गूगल ने भारत सुरक्षा अधिकार-पत्र के साथ ऑनलाइन, एआई धोखाधड़ी, डीपफेक के खिलाफ लड़ाई तेज की

गूगल के अनुसार यह अधिकार-पत्र व्यापक परिवेश के साथ मिलकर ऑनलाइन दुनिया की नई चुनौतियों से निपटने का खाका है। इसमें अंतिम उपयोगकर्ता को ऑनलाइन धोखाधड़ी और घोटालों से सुरक्षित रखना, सरकार और उद्यम बुनियादी ढांचे के लिए साइबर सुरक्षा और जिम्मेदारी से एआई का निर्माण करना शामिल है।

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गूगल ने मंगलवार को भारत के लिए अपना सुरक्षा अधिकार-पत्र जारी किया। यह ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाम लगाने, कृत्रिम और भ्रामक सामग्री पर अंकुश लगाने, साइबर सुरक्षा और जिम्मेदार एआई के विकास को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है।

गूगल के अनुसार यह अधिकार-पत्र व्यापक परिवेश के साथ मिलकर ऑनलाइन दुनिया की नई चुनौतियों से निपटने का खाका है। इसमें अंतिम उपयोगकर्ता को ऑनलाइन धोखाधड़ी और घोटालों से सुरक्षित रखना, सरकार और उद्यम बुनियादी ढांचे के लिए साइबर सुरक्षा और जिम्मेदारी से एआई का निर्माण करना शामिल है।

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि साइबर धोखाधड़ी में उल्लेखनीय वृद्धि के संकेत मिले हैं। जालसाज ठगी के लिए बेहद भरोसेमंद योजनाएं बनाने के लिए एआई सामग्री, डीपफेक वीडियो और वॉयस क्लोनिंग जैसी उन्नत तकनीकों का लाभ उठा रहे हैं।

गूगल ब्लॉगपोस्ट के अनुसार, यूपीआई से संबंधित धोखाधड़ी से भारतीयों को 2024 में 1,087 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उद्योग का अनुमान है कि अगर इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो 2025 में भारतीय संस्थाओं को साइबर अपराध से 20,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है।

गूगल की उपाध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रबंधक प्रीति लोबाना ने ‘सेफर विद गूगल इंडिया समिट’ में कहा, ”यह डिजिटल सुरक्षा के बारे में है। जैसे-जैसे हम भारत की आर्थिक वृद्धि को गति दे रहे हैं, वैसे-वैसे भरोसा बेहद जरूरी है। डिजिटल परिदृश्य कई संभावनाएं लेकर आता है, लेकिन हम सभी इसके साथ जुड़ी चुनौतियों से भी अवगत हैं।”

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे एआई तेजी से लोगों के डिजिटल जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है, एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण हो जाता है।

Published: June 17, 2025, 21:41 IST
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