
सरकार ने दाल की ज्यादा कीमतों और अधिक मार्जिन रखने को लेकर खुदरा विक्रेताओं को फटकार लगाई है. उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने मंगलवार को खुदरा विक्रेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि दालों की थोक कीमतों में गिरावट का फायदा अगर ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया गया तो सरकार कार्रवाई करेगी.
आधिकारिक रिलीज के मुताबिक, भारतीय रिटेलर विक्रेता संघ (आएआई) और कुछ प्रमुख रिटेल चेन्स के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए सचिव ने कहा कि थोक और खुदरा कीमतों के बीच अंतर से समझा जा सकता है कि खुदरा विक्रेता ग्राहकों से अनुचित मार्जिन की वसूली कर रहे हैं. बैठक में आरएआई के अधिकारियों और रिलायंस रिटेल लिमिटेड, विशाल मार्ट, डी मार्ट, स्पेंसर और मोर रिटेल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था.
रिलीज में कहा गया, “ट्रेड्स पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, अंतर अगर बढ़ता हुआ पाया गया तब जरूरी कदम उठाने होंगे.” सचिव के हवाले से रिलीज में कहा गया कि पिछले तीन महीने में प्रमुख बाजारों में तुअर और उड़द की कीमतों में तकरीबन 10 फीसदी की गिरावट आई है लेकिन खुदरा कीमतों में गिरावट के कोई संकेत नहीं दिखाई दिए.
वहीं इन दालों की उपलब्धता को लेकर सचिव ने कहा कि बाजार में उड़द और मूंग दालों के आने की शुरुआत हो गई है. वहीं घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए पूर्वी अफ्रीकी देशों और म्यांमार से तुअर और उड़द का इंमोर्ट भी लगातार हो रहा है. रिलीज में यह भी कहा गया कि मौजूदा उपलब्धता की स्थिति और थोक मूल्यों में कमी को देखते हुए सचिव ने खुदरा उद्योग से कहा कि वे दालों की कीमत को किफायती बनाए रखने के सरकार के कोशिश में पूरी तरह से सहयोग करें.
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