
घर खरीदारों के संगठन एफपीसीई ने मांग की है कि रियल एस्टेट कानून ‘रेरा’ में संशोधन किया जाना चाहिए ताकि बिक्री के लिए परियोजनाएं शुरू करने की अनुमति देने से पहले बिल्डरों के पिछले रिकॉर्ड की पुष्टि करने की व्यवस्था शामिल की जा सके.
संगठन ने यह भी मांग की है कि कानून में एक नया प्रावधान जोड़ा जाए, जिसके तहत बिल्डरों द्वारा वादे के अनुसार सुविधाएं और सुविधाजनक व्यवस्थाएं न देने की स्थिति में खरीदारों को मुआवजा दिया जाए.
एफपीसीई ने आग्रह किया है कि यदि संपत्ति खरीदार किसी इकाई की बुकिंग रद्द करते हैं तो रिफंड के लिए एक समान नियम बनाया जाए.
फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट्स (एफपीसीई) के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोज लाल को पत्र लिखकर रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा) में संशोधन की मांग की है ताकि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए नियामक संस्थाओं को अधिक अधिकार दिए जा सकें.
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