
लार्ज कैप म्यूचुअल फंड्स की दुनिया में ICICI प्रूडेंशियल लार्ज कैप फंड अपने लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण सबसे अलग नजर आता है. मई 2008 में लॉन्च किया गया यह फंड अब 17 साल से अधिक का हो चुका है. एक लार्ज कैप फंड होने के नाते इस स्कीम का निवेश टॉप-100 कंपनियों में होता है, जो मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी है. फंड में बॉटम-अप स्टॉक पिकिंग अप्रोच अपनाई जाती है.
यह फंड किसी भी सेक्टर में बहुत ज्यादा झुकाव नहीं रखता, लेकिन सेक्टर के भीतर सबसे उम्मीदवाली कंपनियों का चयन करता है. अनिश तवाकले, को-सीआईओ (इक्विटी और स्कीम के फंड मैनेजर) के अनुसार, किसी भी कंपनी को इस पोर्टफोलियो में शामिल होने के लिए मुनाफे का सच्चा ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए, वह मार्केट लीडर हो और उसमें उचित कम्पाउंडिंग क्षमता हो.
इसके अलावा, लार्ज कैप्स और उनके सापेक्ष आकर्षण को लेकर अनिश का मानना है कि मिड और स्मॉल कैप्स में हाल के समय में बढ़े हुए वैल्यूएशन के चलते निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और लार्ज कैप्स की ओर रीबैलेंसिंग पर विचार करना चाहिए. क्योंकि वर्तमान मार्केट सेटअप में लार्ज कैप्स बेहतर जोखिम-समायोजित रिटर्न दे सकते हैं.
अब तक के अपने सफर में इस फंड ने कई मार्केट इवेंट्स का सामना किया है. जैसे 2008 का वित्तीय संकट, 2013 में ब्याज दर बढ़ोतरी, और 2020 में कोविड-19 महामारी. इन सभी दौरों में फंड ने कम उतार-चढ़ाव दिखाया और उन निवेशकों को अच्छा अनुभव दिया जो लंबे समय तक निवेश में बने रहे.
लार्ज कैप में निवेश से उथल-पुथल के समय में स्थिरता मिलती है और दीर्घकालिक अवधि में संपत्ति निर्माण में मदद मिलती है, जिससे यह किसी भी मुख्य पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बनते हैं. इन कंपनियों की मजबूत फंडामेंटल ट्रैक रिकॉर्ड होती है, जो उन्हें मिड-कैप और स्मॉल-कैप्स की तुलना में कम उतार-चढ़ाव वाला बनाती है.
अर्थलाभ डॉटकॉम के आंकड़ों के अनुसार, अगर किसी ने शुरुआत में (23 मई 2008) में 10 लाख रुपये का निवेश किया होगा तो यह 31 अक्टूबर 2025 तक लगभग 1.13 करोड़ रुपये हो गया होगा. इसका आकर्षक CAGR (संपूर्ण वार्षिक वृद्धि दर) 15% है. इसी अवधि में फंड के बेंचमार्क – Nifty 100 TRI में निवेश से 68.9 लाख रुपये मिलते, जो CAGR 11.3% को दर्शाता है.
फंड का SIP रिटर्न भी शानदार है. शुरुआत से, अगर मासिक SIP 10,000 रुपये का होता तो 21 लाख रुपये का निवेश 31 अक्टूबर 2025 तक 95.8 लाख रुपये का बन जाता, यानी 15.5% का दमदार रिटर्न. इसी अवधि में बेंचमार्क में निवेश करने से 13.8% रिटर्न मिलता. पिछले तीन और पांच वर्षों में फंड ने 17.8% और 22.1% के रिटर्न दिए, जो अपने बेंचमार्क से क्रमशः 3.5% और 3.2% अधिक हैं. लंबे समय के लिए भी यही रुझान रहा है.
आज अनिश तवाकले और वैभव दुसाद द्वारा प्रबंधित यह फंड अपनी श्रेणी का सबसे बड़ा फंड है, जिसका AUM 75,863 करोड़ रुपये है. यह लंबे समय तक निवेशकों के भरोसे का परिणाम है. सेक्टरल अलोकेशन की बात करें तो फंड के टॉप होल्डिंग्स में बैंकिंग (23%), ऑटोमोबाइल (10.7%) और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स (7.6%) प्रमुख हैं.
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