
भारतीय उद्योग जगत ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह भारतीय निर्यातकों के लिए परिवर्तनकारी पल है और इससे दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 60 अरब डॉलर से 2030 में दोगुना होकर 120 अरब डॉलर का हो जाएगा।
उद्योग जगत ने ऐतिहासिक एफटीए का स्वागत करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों को लाभ होगा, क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और उद्यमिता के लिए अधिक रोजगार तथा अवसर पैदा होंगे। एफटीए से ब्रिटेन को 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम हो जाएगा, जबकि ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत को व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात आसान हो जाएगा।
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने भारत-ब्रिटेन एफटीए पर कहा कि यह भारतीय निर्तायकों के लिए परिवर्तनकारी पल है। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 60 अरब डॉलर से 2030 में दोगुना होकर 120 अरब डॉलर का हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त एफटीए प्रमुख क्षेत्रों, विशेष रूप से एमएसएमई और श्रम-प्रधान उद्योगों के लिए अभूतपूर्व अवसर खोलेगा। यह न सिर्फ शुल्क कम करता है, बल्कि सेवाओं और निवेश के लिए नियामक बाधाओं को भी कम करेगा।
रल्हन ने कहा, ‘‘एफटीए से भारत के विनिर्माण और सेवा निर्यात को काफी बढ़ावा मिलेगा तथा प्रमुख क्षेत्रों में ब्रिटेन से निवेश आकर्षित होगा।’’
फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि भारत-ब्रिटेन एफटीए पर हस्ताक्षर भारत के उभरते व्यापार ढांचे में मील का पत्थर है, जो गहन वैश्विक आर्थिक एकीकरण के उसके दृष्टिकोण के अनुरूप है।
उन्होंने कहा, “यह घरेलू उद्योगों को वैश्विक स्तर पर विस्तार करने, प्रतिस्पर्धात्मक रूप से जुड़ने और मूल्य शृंखलाओं का अधिक प्रभावी ढंग से लाभ उठाने के लिए सशक्त बनाकर आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को पूरा करता है।”
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “यह एफटीए हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक निर्णायक क्षण है, जो समावेशी वृद्धि, आर्थिक मजबूती और औद्योगिक परिवर्तन के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
उन्होंने कहा कि इससे भारतीय और ब्रिटिश व्यवसायों के बीच गहन बाजार पहुंच, विनियामक सहयोग और अगली पीढ़ी की साझेदारी के लिए मजबूत आधार तैयार होगा।
महिंद्रा समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक अनीश शाह ने कहा, “भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक परिवर्तनकारी क्षण है। यह न केवल व्यापार के लिए एक फायदे वाला है, बल्कि एक आधुनिक, मूल्य-आधारित साझेदारी का खाका है जो नवाचार, स्थिरता और समावेशी वृद्धि को वैश्विक सहयोग के केंद्र में रखता है।”
उन्होंने कहा, “यह समझौता वैश्विक व्यवस्था में एक विश्वसनीय भागीदार और नवाचार महाशक्ति के रूप में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का भी प्रमाण है।”
भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने कहा, “हम समृद्धि, स्थिरता और विश्वास पर आधारित एक साझा भविष्य की रूपरेखा तैयार करने में दोनों सरकारों के साहसिक नेतृत्व की सराहना करते हैं।”
उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों का भारतीय उद्योग भारत-ब्रिटेन एफटीए का बड़े आशावाद के साथ स्वागत करता है।
भारत-ब्रिटेन सीईओ मंच के को-चेयरमैन की भूमिका निभा रहे मित्तल ने कहा, “यह समझौता एक आधुनिक, दूरदर्शी साझेदारी स्थापित करता है जो नवाचार को प्रोत्साहित करेगा, बाजार पहुंच को आसान बनाएगा और निवेश को बढ़ावा देगा। भारत और ब्रिटेन के व्यवसायों को इससे बहुत लाभ होगा, क्योंकि यह प्रमुख विकास क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए आधार तैयार करता है।”
यह समझौता, ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन का सबसे बड़ा और किसी यूरोपीय अर्थव्यवस्था के साथ भारत का पहला समझौता है, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करना है।
श्री सीमेंट लिमिटेड के वाइस चेयरमैन प्रशांत बांगुर ने कहा कि यह व्यापार समझौता ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती वैश्विक भागीदारी का प्रमाण है।”
Download Money9 App for the latest updates on Personal Finance.
