
छत्तीसगढ़ की एक कंपनी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा सीधे जारी 50,000 टन का पहला अंतरराष्ट्रीय चावल आयात की निविदा हासिल की है.
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की बगड़िया ब्रदर्स प्राइवेट लि. को यह ऑर्डर मिला है.
पीटीआई-भाषा के पास उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार, भारत, सिंगापुर, यूएई और इंडोनेशिया के बोलीदाताओं ने इस प्रक्रिया में भाग लिया और बगड़िया ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 359.77 डॉलर प्रति टन की दर से ऑर्डर हासिल किया.
बागड़िया ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड के एजीएम (सहायक महाप्रबंधक) एसपी जायसवाल ने कहा, ‘‘हमें ऑर्डर मिल गया है. हमें 40 दिनों के भीतर खेप की आपूर्ति करनी है.’’
पश्चिम बंगाल स्थित जय बाबा बकरेश्वर राइस मिल के निदेशक राहुल खेतान ने बताया कि अंतरिम बांग्लादेश सरकार की पहली अंतरराष्ट्रीय निविदा सोमवार को 50,000 टन चावल आयात के लिए खोली गई. कंपनी निविदा प्रक्रिया में असफल रही.
इस खेप का निर्यात अनिवार्य रूप से समुद्री मार्ग और बड़े जहाजों के माध्यम से किया जाना है.
खेतान ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उनकी कंपनी सहित पश्चिम बंगाल स्थित दो निर्यातकों ने निविदा में भाग लिया था.
उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश का प्रत्यक्ष चावल खरीद लक्ष्य चार लाख टन है, और जल्द ही और निविदाएं आने की संभावना है. पश्चिम बंगाल की चावल मिलों और निर्यातकों को इन आगामी ऑर्डरों से लाभ होने की उम्मीद है.’’
खेतान ने कहा, ‘‘अनुमान के अनुसार, अब तक लगभग 1.5 लाख टन निजी निर्यात पूरा हो चुका है और पश्चिम बंगाल के निर्यातकों ने इन ऑर्डरों का एक बड़ा हिस्सा हासिल कर लिया है.’’
भारतीय चावल मिल मालिक और निर्यातक बांग्लादेश की नौ लाख टन चावल आयात करने की योजना से उत्साहित हैं, जिससे इस अनाज की मांग और कीमतों में तेजी आई है.
वैश्विक चावल निर्यात में भारत की 46 प्रतिशत हिस्सेदारी है, इसलिए उद्योग के अंशधारकों का कहना है कि इसकी निकटता, उपलब्धता और प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण को देखते हुए, भारत इस कदम का मुख्य लाभार्थी बनकर उभरेगा.
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