
इक्विटी म्यूचुअल फंड में नवंबर में निवेश मासिक आधार पर 21 प्रतिशत बढ़कर 29,911 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। उद्योग निकाय एम्फी ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में आंकड़े जारी किए।
निवेश में यह वृद्धि लगातार तीन महीनों की गिरावट के बाद आई जो निवेशकों के सकारात्मक दृष्टिकोण का संकेत देती है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी प्रवाह में सकारात्मक गति ने व्यापक उद्योग के परिसंपत्ति आधार को भी बढ़ावा दिया। इससे प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) अक्टूबर के 79.87 लाख करोड़ रुपये से नवंबर में बढ़कर 80.80 लाख करोड़ रुपये हो गई।
व्यवस्थित निवेश योजनाएं (एसआईपी) के जरिये खुदरा निवेशकों की भागीदारी में मामूली गिरावट देखी गई। एसआईपी में जमा राशि अक्टूबर के 29,631 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर नवंबर में 29,445 करोड़ रुपये रह गई।
आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी म्यूचुअल फंड में शुद्ध निवेश नवंबर में बढ़कर 29,911 करोड़ रुपये हो गया जो अक्टूबर में 24,690 करोड़ रुपये था। सितंबर में इक्विटी में शुद्ध निवेश 30,421 करोड़ रुपये और अगस्त में 33,430 करोड़ रुपये था।
समीक्षाधीन माह के दौरान लाभांश प्रतिफल और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) फंड के अलावा अधिकतर उप-श्रेणियों में सकारात्मक रुझान देखने को मिला।
फ्लेक्सी-कैप फंड (जो पसंदीदा विकल्प बने रहे) में सबसे अधिक 8,135 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया। हालांकि यह अक्टूबर के 8,929 करोड़ रुपये से नौ प्रतिशत कम था।
इसके विपरीत, डेट म्यूचुअल फंड में नवंबर में 25,692 करोड़ रुपये की निकासी दर्ज की गई जबकि पिछले महीने इसमें 1.6 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश हुआ था।
इसके अलावा, गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में भी भारी गिरावट देखी गई। अक्टूबर में शुद्ध निवेश 7,743 करोड़ रुपये से घटकर 3,742 करोड़ रुपये रह गया जो निवेशकों की सुरक्षित निवेश संपत्तियों की ओर रुझान में बदलाव का संकेत देता है।
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