
कमजोर आवक और मांग बढ़ने के कारण बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजार में सरसों तेल-तिलहन, मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ। वहीं गिरावट आने के बावजूद मौजूदा दाम ऊंचा रहने की वजह से मांग प्रभावित होने के चलते कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल की कीमतों में कमी आई। सोयाबीन तेल के दाम में मामूली सुधार दिखा।
बाजार सूत्रों ने कहा कि इस बार एक खास बदलाव महसूस किया जा सकता है कि इस मौसम में बीते वर्षो में जो मंडियों में सरसों की आवक की मात्रा हुआ करती थी, उसके मुकाबले इस बार आवक काफी कम हो रही है। इसके अलावा उपभोक्ताओं के बीच सरसों तेल विशेषकर कच्ची घानी के सरसों तेल की मांग है। आवक इतनी कम है कि बड़ी मिलें जो आम वर्षो में अप्रैल के महीने में सरसों का स्टॉक बना लेती थी, वह स्टॉक नहीं बनाया जा सका है। इस स्थिति के बीच बीते सप्ताह सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया।
उन्होंने कहा कि पक्की घानी की तेल पेराई मिलों को 5-7 रुपये किलो का नुकसान हो रहा है क्योंकि उन्हें थोक में बेचना पड़ता है और सरसों उन्हें ठीक से मिल नहीं रहा है क्योंकि आवक कम हो रही है। इसके उलट, ब्रांडेड कच्ची घानी तेल बेचने वाली बड़ी कंपनियां खुदरा बाजार में बिक्री के लिए खुदरा विक्रेताओं को टैंकर के बजाय पैकिंग करके ऊंचे दाम पर बेचती हैं, जिससे उन्हें फायदा है। इस बार उपभोक्ताओं के बीच कच्ची घानी की ब्रांडेड सरसों तेल की अच्छी मांग भी दिख रही है। सरसों तेल का कोई विकल्प नहीं है और विदेशी खाद्य तेलों की घट-बढ़ का इसपर अधिक असर नहीं आता दिखता है।
सूत्रों ने कहा कि मौजूदा समय में सरसों तेल और सूरजमुखी तेल का दाम ऊंचा बैठ रहा है इसलिए हल्के तेलों में सोयाबीन पर मांग का दबाव है क्योंकि यह अभी सबसे सस्ता भी है। लिवाली मांग होने से बीते सप्ताह सोयाबीन दिल्ली और सोयाबीन डीगम तेल के दाम में मामूली सुधार दिखा जबकि सोयाबीन तिलहन तथा सोयाबीन इंदौर तेल के दाम पिछले सप्ताह के ही स्तर पर स्थिर रहे।
मूंगफली तेल का हाजिर दाम एमएसपी से काफी कम चल रहा है। मौजूदा नीचे के दाम से भी और कम कीमत पर बिक्री में किसान कोताही कर रहे हैं। इस वजह से मंडियों में मूंगफली की आवक का स्तर कमजोर बना हुआ है। बीते सप्ताह इसकी हल्की मांग भी दिखी जिससे अपने पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह मूंगफली तेल-तिलहन कीमत में सुधार आया।
उन्होंने कहा कि मूंगफली में आये इस सुधार को वैसे सुधार कहना अनुचित होगा क्योंकि देखा जाये तो हाजिर दाम अब भी मूंगफली के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 15-16 प्रतिशत नीचे ही है। एक तरफ इस नीचे दाम की वजह से मूंगफली की अगली बिजाई के समय किसानों के हौसले पस्त हैं वहीं इसके उलट हाजिर बाजार में मूंगफली तेल ऊंचे भाव (लगभग 180-190 रुपये लीटर) पर ही मंडरा रहे हैं। किसी ना किसी को ऐसी अराजक स्थिति की खोज खबर लेनी चाहिये क्योंकि किसानों को ऐसा लगता है कि सभी ने ऐसी विसंगतियों की ओर आंखें मूंद रखी हैं। लगभग यही स्थिति सोयाबीन किसानों की भी है जिसके हाजिर दाम एमएसपी से काफी कम हैं। इस स्थिति का असर मूंगफली और सोयाबीन की आगामी खेती पर भी होने की संभावना है जिसे देखते हुए देशी तेल-तिलहनों का बाजार बनाने या उनके कारोबारी माहौल को दुरुस्त करने की ओर ध्यान देना होगा।
सूत्रों ने कहा कि बीते कुछ महीनों के मुकाबले पाम-पामोलीन का दाम घटने के कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली। लेकिन मौजूदा दाम इतना भी कम नहीं कि इसकी मांग निकल आये। जब तक सोयाबीन तेल से इसके दाम काफी कम नहीं होंगे, यह तेल खपेगा नहीं।
सूत्रों ने कहा कि मामूली उपलब्धता रह जाने और नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग निकलने के कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में बिनौला तेल भी सुधार दर्शाता बंद हुआ। बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 110 रुपये के सुधार के साथ 6,625-6,710 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि, सरसों दादरी तेल का थोक भाव 300 रुपये के सुधार के साथ 14,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 40-40 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 2,485-2,585 रुपये और 2,485-2,620 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव क्रमश: 4,450-4,500 रुपये और 4,200-4,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। इसी प्रकार, सोयाबीन इंदौर तेल का भाव भी 13,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बना रहा। सोयाबीन दिल्ली एवं और सोयाबीन डीगम तेल के दाम क्रमश: 50-50 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 13,300 रुपये और 9,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव भी मजबूत बंद हुए। मूंगफली तिलहन का दाम 25 रुपये की मजबूती के साथ 5,800-6,175 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 50 और 10 रुपये की मजबूती के साथ क्रमश: 14,200 रुपये क्विंटल और 2,270-2,570 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। सूत्रों ने कहा कि बाजार के आम रुख के उलट, सीपीओ 225 रुपये की गिरावट के साथ 11,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 75 रुपये की गिरावट के साथ 13,025 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 25 रुपये की गिरावट के साथ 11,975 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 50 रुपये बढ़कर 13,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
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