
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने बुधवार को टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स के सूचीबद्ध होने को कंपनी के सफर के साथ-साथ मोटर वाहन उद्योग के लिए एक ‘‘निर्णायक क्षण’’ बताया।
टाटा मोटर्स के विभाजन के पूरा होने और उसके दो स्वतंत्र सूचीबद्ध इकाइयों में विभाजित होने के बाद टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स बाजार में सूचीबद्ध हुई।
बीएसई में टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स के सूचीबद्धता समारोह में चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘ यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण क्षण है, एक काफी अहम उपलब्धि है….एक निर्णायक क्षण… टाटा मोटर्स और मोटर वाहन उद्योग दोनों के लिए …’’
टाटा मोटर्स की वाणिज्यिक वाहन इकाई का शेयर एनएसई पर अपने निर्धारित मूल्य से 28.48 प्रतिशत की बढ़त के साथ 335 रुपये पर खुला। बीएसई पर यह 26.09 प्रतिशत की बढ़त के साथ 330.25 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ।
एनएसई पर कंपनी का बाजार मूल्यांकन 1,22,345.46 करोड़ रुपये रहा।
टाटा मोटर्स का विभाजन एक अक्टूबर से प्रभावी हुआ।
टाटा मोटर्स को एक ‘‘प्रतिष्ठित’’ कंपनी बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनी में संरचनात्मक बदलाव करना बहुत मुश्किल होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ पहली बात, कंपनी के लोग पूरी लगन से मानते हैं कि यह एक अच्छी एवं मजबूत कंपनी है और हमें इसमें हाथ नहीं डालना चाहिए। दूसरी समूह की भी राय होती, एक नजरिया होता कि यह एक प्रतिष्ठित कंपनी है। इसलिए ऐसी कंपनी में बदलाव करना हमेशा बहुत मुश्किल होता है जो बहुत लंबे समय से मौजूद है और जिसे एक प्रतिष्ठित कंपनी माना जाता है।’’
उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स के विभाजन पर 2017-18 से विचार किया जा रहा था लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण इस योजना में रुकावट आई। बाद में विभाजन की योजना पर फिर काम शुरू किया गया।
चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘ …हमें यह सुनिश्चित करना था कि दोनों कंपनियां सही से काम करें और दोनों कंपनियों को बहुत मजबूत होना होगा…’’
उन्होंने कहा कि दोनों अलग हुई कंपनियों के लक्ष्य बाजार अलग-अलग है, ‘‘ हमने कंपनी को ऋण मुक्त बना दिया है, जिससे वे बहुत साहसी बन पाई हैं।’’
इवेको सौदे पर उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम अगले कुछ महीनों में यह लेनदेन पूरा कर लेंगे।’’
टाटा मोटर्स ने जुलाई में कहा था कि वह रक्षा कारोबार को छोड़कर इतालवी वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता इवेको ग्रुप का 3.8 अरब यूरो (करीब 38,240 करोड़ रुपये) में अधिग्रहण करेगी।
गौरतलब है कि टाटा मोटर्स ने 2024 में अपने व्यवसायों को दो अलग-अलग इकाइयों में विभाजित करने की घोषणा की थी।
विभाजन के तहत वाणिज्यिक वाहन व्यवसाय एवं संबंधित निवेश को एक कंपनी में स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं यात्री वाहन (पीवी) व्यवसाय जिसमें पीवी, इलेक्ट्रिक वाहन, जगुआर लैंड रोवर तथा संबंधित निवेश शामिल हैं, उन्हें दूसरी कंपनी में स्थानांतरित कर दिया गया।
टाटा मोटर्स की यात्री वाहन इकाई ने 14 अक्टूबर को अलग से कारोबार शुरू किया था। विभाजन के बाद कंपनी का नाम बदलकर टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड कर दिया गया।
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