
दूरसंचार बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए जरूरी मंजूरियां देने में स्थानीय प्राधिकरणों की देरी, मनमाने शुल्क और असंगत प्रक्रियाओं के कारण डिजिटल नेटवर्क के विस्तार में बाधा आ रही है. दूरसंचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने शनिवार को यह बात कही.
उन्होंने ‘भारत मोबाइल कांग्रेस 2025’ में राज्य के आईटी मंत्रियों के साथ एक बैठक में राज्य सरकारों से एकल खिड़की प्रणाली को चालू करने, समयबद्ध ढंग से मंजूरी देने, तर्कसंगत लागत आधारित शुल्क सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय निकायों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया.
उन्होंने राज्य की आईटी नीतियों को नए विकास के साथ जोड़ने के लिए भी कहा.
पेम्मासानी ने कहा कि राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसके तहत 2030 तक देश के सभी गांवों में 100 प्रतिशत ब्रॉडबैंड संपर्क, देश के 80 प्रतिशत घरों में ब्रॉडबैंड की पहुंच, 90 प्रतिशत दूरसंचार टावरों में फाइबर संपर्क के साथ उच्च गति वाला इंटरनेट और 5जी घनत्व तथा भविष्य में 6जी की तैयारी के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया जाना है.
उन्होंने कहा, ”मार्ग अधिकार संबंधी मंजूरियों के कारण हम पिछड़ रहे हैं. बहुत लंबे समय से परिचालकों को असंगत प्रक्रियाओं, लंबी देरी और स्थानीय अधिकारियों से मनमाने शुल्क का सामना करना पड़ रहा है.”
मंत्री ने कहा कि ये बाधाएं न केवल विस्तार को धीमा करती हैं, बल्कि लागत बढ़ाती हैं और आखिरकार हमारे नागरिकों और व्यवसायों को प्रभावित करती हैं.
पेम्मासानी ने कहा कि हमें डिजिटल बुनियादी ढांचे को सड़क, बिजली और पानी के समान महत्व देना चाहिए.
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