भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने शनिवार को स्पष्ट किया कि बाजार में हेरफेर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर जेन स्ट्रीट के खिलाफ अंतरिम आदेश के अगले दिन पत्रकारों से बात करते हुए पांडेय ने कहा कि नियामक और शेयर बाजार स्तर पर निगरानी बढ़ा दी गई है.
यह पूछे जाने पर कि क्या अन्य विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के साथ भी इसी तरह के रुझान देखे गए हैं, पांडेय ने कहा, “मैं बस इतना कह सकता हूं कि बाजार में हेरफेर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.” सेबी ने शुक्रवार को अमेरिकी ‘ट्रेडिंग’ कंपनी जेन स्ट्रीट को प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया और कंपनी को 4,843 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को वापस करने का निर्देश दिया.
यह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा निर्देशित अब तक की सबसे अधिक वसूली गई राशि हो सकती है. सेबी ने अंतरिम आदेश में जेएसआई इन्वेस्टमेंट्स, जेएसआई2 इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट ग्रुप (जेएस ग्रुप) की जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग (ऑनलाइन कारोबार) को बाजार से अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दिया है.
बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसायटी द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेबी प्रमुख ने स्पष्ट किया कि संबंधित पक्ष के लेन-देन का खुलासा करने में पारदर्शिता, हितों के टकराव का प्रबंधन और समय पर महत्वपूर्ण घटनाक्रमों को प्रस्तुत करना सीए के लिए ‘अनिवार्य जिम्मेदारियां’ हैं.
उन्होंने सीए को सलाह दी, “आपकी यह सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि कॉरपोरेट प्रशासन को चेकलिस्ट तक सीमित न रखा जाए.”
उन्होंने बहुत अधिक अनुपालन न करने के पक्ष में भी बात की.
उन्होंने कहा, “हम इस बात को भी ध्यान में रखते हैं कि बहुत अधिक जानकारी, बहुत अधिक अनुपालन एक बड़ा अनुपालन बोझ बढ़ाता है जो वास्तव में उस हित को पूरा नहीं कर सकता है जिसे हम वास्तव में पूरा करना चाहते हैं.”
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