सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल में गिरावट, सोयाबीन तिलहन में सुधार

सूत्रों ने कहा कि बाकी खाद्यतेलों के मुकाबले सरसों का दाम ऊंचा होने की वजह से इसकी मांग प्रभावित रहने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में भी गिरावट आई. वैसे देखें तो स्टॉकिस्टों, किसानों और सरकार के पास सरसों का स्टॉक पड़ा है.

ऑयलसीड

लंबी छुट्टियों के बाद स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को एक ओर जहां कमजोर कामकाज के बीच सरसों तेल-तिलहन और आयातकों द्वारा लागत से नीचे दाम पर बिकवाली करने से सोयाबीन तेल के दाम में गिरावट आई. वहीं दूसरी ओर, नये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कमजोर हाजिर दाम रहने की वजह से किसानों की ओर से कम बिकवाली के कारण सोयाबीन तिलहन में सुधार देखने को मिला. सामान्य कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे.

बाजार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन की नयी फसल का एमएसपी 5,328 रुपये क्विंटल है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने किसानों से एमएसपी से नीचे दाम पर सोयाबीन की बिकवाली नहीं करने को कहा है और 30 अक्टूबर से सरकारी खरीद शुरु करने के लिए उन्हें अपना पंजीकरण कराने को कहा है. लेकिन हाजिर बाजार की ओर देखें तो सोयाबीन का हाजिर दाम 4,000-4,200 रुपये क्विंटल के दायरे में है. ऐसे में कमजोर हाजिर दाम पर किसानों की ओर से बिकवाली घटाने के कारण सोयाबीन तिलहन में तो सुधार है. दूसरी ओर, आयातक बैंकों में अपना ऋण साख-पत्र (एलसी) चलाते रहने के लिए लागत से कम दाम पर सोयाबीन डीगम तेल की बिक्री कर रहे हैं जिससे सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई.

उन्होंने कहा कि ऐसे में महाराष्ट्र के सोयाबीन प्लांट वालों के सामने चुनौती यह है कि वह कैसे सोयाबीन की पेराई करें और सोयाबीन से निकलने वाले लगभग 82 प्रतिशत डी-आयल्ड केक (डीओसी) को कहां खपायें? सोयाबीन डीओसी की निर्यात मांग काफी कमजोर रहने के साथ इसकी घरेलू मांग भी सामान्य है. ऐसे में जब तक सोयाबीन डीओसी का मुक्कमल बाजार नहीं होगा तो महाराष्ट्र के प्लांट वाले किस उम्मीद में पेराई करेंगे?

सूत्रों ने कहा कि बाकी खाद्यतेलों के मुकाबले सरसों का दाम ऊंचा होने की वजह से इसकी मांग प्रभावित रहने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में भी गिरावट आई. वैसे देखें तो स्टॉकिस्टों, किसानों और सरकार के पास सरसों का स्टॉक पड़ा है.

उन्होंने कहा कि संभावित सट्टेबाजी की वजह से जो मलेशिया में तेजी चल रही थी, उसकी हवा निकलनी शुरु हो गई है और पिछले लगभग एक सप्ताह से मलेशिया में गिरावट देखने को मिल रही है. इस स्थिति के बीच पाम-पामोलीन के भाव में स्थिरता दिखी.

सामान्य कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन, सीपीओ एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे.

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,000-7,050 रुपये प्रति क्विंटल.

मूंगफली – 5,750-6,125 रुपये प्रति क्विंटल.

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,800 रुपये प्रति क्विंटल.

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,265-2,565 रुपये प्रति टिन.

सरसों तेल दादरी- 14,650 रुपये प्रति क्विंटल.

सरसों पक्की घानी- 2,460-2,560 रुपये प्रति टिन.

सरसों कच्ची घानी- 2,460-2,595 रुपये प्रति टिन.

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल.

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल.

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,225 रुपये प्रति क्विंटल.

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,825 रुपये प्रति क्विंटल.

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,300 रुपये प्रति क्विंटल.

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,550 रुपये प्रति क्विंटल.

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,450 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल.

सोयाबीन दाना – 4,425-4,475 रुपये प्रति क्विंटल.

सोयाबीन लूज- 4,125-4,225 रुपये प्रति क्विंटल.

Published: October 25, 2025, 21:55 IST
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