
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने और विश्व के विभिन्न नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने के बाद नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गये।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘जी-20 शिखर सम्मेलन में अपने कार्यक्रमों और विश्व नेताओं के साथ बैठकों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग से रवाना हो गये।’’
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जोहानिसबर्ग में सफल जी-20 सम्मेलन एक समृद्ध और टिकाऊ ग्रह (धरती) के निर्माण में योगदान देगा। विश्व नेताओं के साथ मेरी बैठकें और बातचीत बहुत सार्थक रहीं और इनसे विभिन्न देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए दक्षिण अफ्रीका के अद्भुत लोगों, राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और दक्षिण अफ्रीक की सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।’’
मोदी ने रविवार को कनाडा के अपने समकक्ष मार्क कार्नी, जापान के प्रधानमंत्री साने ताकाइची, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और जमैका तथा नीदरलैंड के अपने समकक्षों से मुलाकात की।
मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के साथ भी वार्ता की।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जोहानिसबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का दुरुपयोग रोकने के लिए एक वैश्विक समझौते का आह्वान किया।
मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग “राष्ट्रीय” के बजाय “वैश्विक” होने चाहिए तथा इन्हें “विशिष्ट मॉडल” के बजाय “ओपन सोर्स” पद्धति पर आधारित होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (इब्सा) के त्रिपक्षीय मंच को यह स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि वैश्विक संस्था में बदलाव अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है।
मोदी ने शनिवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष केअर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा और विश्व के कई अन्य नेताओं से मुलाकात की थी।
मोदी ने शनिवार को जी-20 नेताओं की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वैश्विक विकास मानदंडों पर गहन पुनर्विचार का आह्वान किया था और मादक पदार्थ-आतंकवाद गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए जी-20 पहल तथा एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रतिक्रिया दल बनाने का प्रस्ताव रखा था।
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