
सरकार जल्द ही 2,250 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन के तहत सहायता उपायों की घोषणा कर सकती है, ताकि उद्योग को ट्रंप टैरिफ से पैदा हुईं वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं से बचाया जा सके. एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा, ”हम यह पता लगाने के लिए निर्यातकों के साथ बातचीत कर रहे हैं कि उन्हें कारोबारी सुगमता जैसे विभिन्न तरीकों से कैसे सबसे अच्छी तरह मदद दी जा सकती है. हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि घरेलू खपत को कैसे बढ़ावा दिया जाए. हम नई आपूर्ति शृंखलाओं, नए बाजारों और नए उत्पादों पर विचार कर रहे हैं.”
इस मिशन में छोटे और मझोले उद्योगों और ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए आसान ऋण योजनाएं, विदेश में गोदाम की सुविधा और उभरते निर्यात अवसरों का लाभ उठाने के लिए वैश्विक ब्रांडिंग पहल जैसे उपाय शामिल हो सकते हैं. सरकार ने एक फरवरी को 2,250 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस मिशन की घोषणा की था. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) 30 अप्रैल को निर्यात संवर्धन परिषदों के प्रतिनिधियों और अन्य प्रमुख हितधारकों के समक्ष इस मिशन पर एक प्रस्तुति दे चुका है. उद्योग अधिकारियों के अनुसार इस मिशन को दो व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है – व्यापार वित्त सहायता प्रदान करना (निर्यात प्रोत्साहन) और अंतरराष्ट्रीय समग्र बाजार पहुंच को बढ़ावा देना (निर्यात दिशा) पहल.
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