
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की अनिश्चितताओं और आयातकों की बढ़ती डॉलर मांग के बीच सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 10 पैसे टूटकर 88.19 (अस्थायी) के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.18 पर खुला। कारोबार के दौरान नीचे गिरकर 88.33 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इसका कारण अमेरिका द्वारा भारत पर अतिरिक्त व्यापार शुल्क लगाने से भारत के व्यापार घाटे को लेकर चिंता का बढ़ना है।
घरेलू मुद्रा अंततः डॉलर के मुकाबले 88.19 (अस्थायी) के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव से 10 पैसे की गिरावट है।
शुक्रवार को रुपया पहली बार 88 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर 88.09 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक (मुद्रा एवं जिंस) अनुज चौधरी ने कहा कि घरेलू बाजारों में मजबूती के चलते सोमवार को रुपया अपने अबतक के सबसे निचले स्तर से उबरा।
घरेलू शेयर बाजार में, बीएसई सेंसेक्स 554.84 अंक उछलकर 80,364.49 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 198.20 अंक बढ़कर 24,625.05 पर बंद हुआ।
इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत टूटकर 97.63 रह गया, जिससे रुपये को निचले स्तरों पर मजबूती मिली।
चौधरी ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना से डॉलर और कमजोर हो सकता है। इस सप्ताह अमेरिका से गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट आने से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं। डॉलर-रुपये का हाजिर भाव 87.85 से 88.50 के बीच रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका द्वारा भारत पर जारी व्यापार शुल्क संबंधी चिंताओं के बीच हमारा अनुमान है कि रुपया थोड़े नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है।’’
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.99 प्रतिशत बढ़कर 68.15 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 8,312.66 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
Download Money9 App for the latest updates on Personal Finance.
