
मजबूत घरेलू बाजारों और भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के चलते अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे बढ़कर 88.22 पर बंद हुआ.
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि व्यापार समझौते को लेकर आशावाद और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से प्रेरित बाजार की सकारात्मक धारणा ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाया, जबकि आयातकों की मासांत की डॉलर मांग ने तेज बढ़त को सीमित कर दिया.
इसके अलावा, अमेरिकी एफओएमसी बैठक के फैसले से पहले निवेशक सतर्क बने हुए हैं. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 88.21 पर खुला और बाद में दिन के दौरान 88.15 से 88.35 के दायरे में कारोबार करता रहा. रुपया अंततः डॉलर के मुकाबले 88.22 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से सात पैसे की बढ़त है.
मंगलवार को रुपया, अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 10 पैसे की गिरावट के साथ 88.29 पर बंद हुआ था.
मिराए एसेट शेयरखान के मुद्रा एवं जिंस के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सकारात्मक घरेलू बाजारों और कमजोर कच्चे तेल की कीमतों के कारण रुपया थोड़ा सकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा. व्यापार समझौते को लेकर उम्मीद से बाजार की उत्साहित धारणा रुपये को और मजबूत कर सकती है.’’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है, ‘‘मैं भारत के साथ एक व्यापार समझौता कर रहा हूं.’’
हालांकि, आयातकों की मासांत की डॉलर मांग के कारण तेज बढ़त पर लगाम लग सकती है. अमेरिकी एफओएमसी बैठक के फैसले से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं. चौधरी ने कहा कि डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 87.85 से 88.60 के बीच रहने की उम्मीद है.
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.21 प्रतिशत बढ़कर 98.87 पर पहुंच गया.
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.22 प्रतिशत बढ़कर 65.54 डॉलर प्रति बैरल हो गया.
घरेलू शेयर बाजारों में, सेंसेक्स 368.97 अंक चढ़कर 84,997.13 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 117.70 अंक बढ़कर 26,053.90 अंक पर रहा.
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे. उन्होंने बुधवार को 2,540.16 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
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