
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सात पैसे बढ़कर 88.72 पर बंद हुआ. घरेलू बाजारों में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण रुपये को समर्थन मिला.
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि मजबूत घरेलू बाजारों और जिंसों की कीमत में आई गिरावट के कारण रुपये में यह तेजी आई.
केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप से भी घरेलू मुद्रा को समर्थन मिला. हालांकि, उन्होंने कहा कि मजबूत अमेरिकी डॉलर ने तेज बढ़त पर अंकुश लगाया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 88.80 पर खुला और 88.50-88.80 के दायरे में कारोबार करने के बाद 88.72 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से सात पैसे अधिक है.
बृहस्पतिवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 88.79 पर बंद हुआ था.
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक (मुद्रा एवं जिंस) अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि घरेलू बाजारों में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में व्यापक नरमी के चलते रुपया सकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा. वित्तपोषण की समस्या के कारण अमेरिकी में कई विभागों के कामकाज ठप होने (शटडाउन) और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती संभावना से रुपये को और मजबूती मिल सकती है.’’
चौधरी ने कहा, ‘‘मजबूत अमेरिकी डॉलर और आयातकों की डॉलर मांग बढ़ने से रुपये की तेजी पर अंकुश लग सकता है. डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 88.40 से 88.85 के बीच रहने की उम्मीद है.’’
इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.32 पर रहा.
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64.85 डॉलर प्रति बैरल पर रहा.
घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर, बीएसई सेंसेक्स 328.72 अंक बढ़कर 82,500.82 पर जबकि निफ्टी 103.55 अंक बढ़कर 25,285.35 पर बंद हुआ.
इस बीच, शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने शुक्रवार को 459.20 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
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