
अब लोगों की महंगे घर खरीदने में दिलचस्पी बढ़ गई है. क्योंकि दिल्ली-एनसीआर सहित कई शहरों में सस्ते घरों की बिक्री में गिरावट आई है. रियल एस्टेट कंसल्टेंट जेएलएल इंडिया के अनुसार, किफायती आवास परियोजनाओं के कम बनने और बढ़ती कीमतों के कारण 2024 में 7 प्रमुख शहरों में 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले अपार्टमेंट की बिक्री 14 प्रतिशत घटकर 38,626 इकाई रह गई. जबकि इस दौरान इन 7 शहरों में अपार्टमेंट की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले साल महंगे घरों की बिक्री 2,71,818 यूनिट्स से 11 प्रतिशत बढ़कर 3,02,867 यूनिट्स के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई.
पीटीआई के मुताबिक, जेएलएल इंडिया ने 7 शहर मुंबई (मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे शहर और नवी मुंबई सहित), दिल्ली-एनसीआर (दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और सोहना सहित), बेंगलुरु, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता के डेटा जारी किए हैं. खास बात यह है कि डेटा में केवल अपार्टमेंट शामिल किए गए हैं. रोहाउस, विला और प्लॉटेड डेवलपमेंट को जेएलएल इंडिया के विश्लेषण से बाहर रखा गया है.
डिफरेंट प्राइस रेंज में, 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले अपार्टमेंट की बिक्री 45,160 यूनिट्स से घटकर 38,626 यूनिट्स रह गई. वहीं, 50 लाख-1 करोड़ रुपये की कीमत वाली कैटेगरी में, अपार्टमेंट की बिक्री पिछले साल 1,02,886 यूनिट पर लगभग स्थिर रही, जबकि पिछले साल यह 1,02,685 यूनिट थी. पिछले साल 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाले अपार्टमेंट की मांग मजबूत रही. 1-3 करोड़ रुपये की कैटेगरी में, अपार्टमेंट की बिक्री 1,01,451 यूनिट्स से 18 प्रतिशत बढ़कर 1,19,990 यूनिट हो गई. जेएलएल के आंकड़ों से पता चला है कि 3-5 करोड़ रुपये की कैटेगरी में बिक्री 13,881 यूनिट्स से 86 प्रतिशत बढ़कर 25,833 यूनिट हो गई.
इसी तरह 5 करोड़ रुपये से अधिक की श्रेणी में, बिक्री 2024 के दौरान 80 प्रतिशत बढ़कर 15,532 इकाई हो गई, जो पिछले वर्ष 8,641 इकाई थी. चालू वर्ष के दृष्टिकोण पर, जेएलएल ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के स्तर, बुनियादी ढांचे के विकास और उपभोक्ताओं की बदलती जीवनशैली प्राथमिकताओं और उच्च डिस्पोजेबल आय स्तरों से प्रेरित प्रीमियम घरों की बढ़ती मांग के बीच आवास बाजार में मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद है.
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