
भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने सोमवार को कहा कि एसबीआई जोखिम भरे नए क्षेत्रों के लिए एक ऋण गारंटी योजना लाने को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर रहा है.
तिवारी ने कहा कि एसबीआई प्राथमिकता क्षेत्र ऋण दायित्व में हरित वित्त को भी शामिल करना चाहता है, लेकिन आरबीआई और सरकार अन्य पहलुओं पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण इस विचार के खिलाफ है.
उन्होंने यहां उद्योग मंडल सीआईआई के कार्यक्रम में कहा कि एसबीआई जल्द ही एक उत्कृष्टता केंद्र शुरू करेगा जो न केवल उसे बल्कि वित्त पोषकों के व्यापक जगत को ऋण नीतियों का मसौदा तैयार करने, जोखिम का आकलन और मूल्य निर्धारण आदि जैसे पहलुओं में मदद करेगा.
तिवारी ने कहा कि उत्कृष्टता केंद्र आठ क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनमें इलेक्ट्रिक वाहन, उच्चस्तरीय सौर प्रौद्योगिकी, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, बैटरी और डेटा सेंटर शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से उद्योग के नए युग और जोखिम भरे पहलुओं के लिए कुछ गारंटी योजनाएं बनाने का अनुरोध कर रहे हैं.’’ हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया.
वर्तमान में, सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों जैसे क्षेत्रों और स्टार्टअप के लिए ऋण गारंटी योजनाएं हैं. इसके तहत ऋण न मिलने की स्थिति में वित्तपोषकों को राज्य सहायता के रूप में राहत प्रदान की जाती है.
तिवारी ने कहा कि उत्कृष्टता केंद्र शोध संस्थान और बहुपक्षीय संस्थानों के साथ भी संपर्क बनाएगा और बैंक ने इस संबंध में 20 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा के मोर्चे पर कहा कि एसबीआई ने एक सरकारी योजना के तहत तीन लाख परिवारों को छतों पर सौर ऊर्जा इकाई लगाने में मदद की है. उसका लक्ष्य इस संख्या को पांच लाख तक पहुंचाने की है.
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