
उच्चतम न्यायालय ने एशियन पेंट्स की उस याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया, जिसमें कंपनी ने डेकोरेटिव पेंट खंड में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोपों की जांच करने के आदेश को चुनौती दी थी.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एशियन पेंट्स के खिलाफ भारतीय डेकोरेटिव पेंट्स के निर्माण और बिक्री के बाजार में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप में जांच शुरू करने का निर्देश दिया था.
न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने मुंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसमें सीसीआई के जांच के आदेश को सही ठहराया गया था.
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिका सुनने की इच्छा न जताते हुए इसे ‘वापस ले लिया गया’ मानकर खारिज कर दिया.
प्रतिस्पर्धा आयोग ने बिड़ला पेंट्स की इकाई ग्रासिम इंडस्ट्रीज की शिकायत के बाद एशियन पेंट्स के खिलाफ जांच का आदेश दिया था. आयोग ने महानिदेशक को जांच पूरी कर 90 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा था.
ग्रासिम ने आरोप लगाया था कि एशियन पेंट्स ने घरेलू डेकोरेटिव पेंट्स बाजार में उसके प्रवेश और वृद्धि को रोकने के लिए प्रतिस्पर्धा बाधित करने वाले तौर-तरीके अपनाए.
सीसीआई ने यह भी कहा कि एशियन पेंट्स के इस व्यवहार से नई कंपनियों के लिए बाजार में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं और प्रतिस्पर्धा आंशिक रूप से बंद हो रही है.
हालांकि, सीसीआई के आदेश में अस्थायी दृष्टिकोण बताते हुए कहा गया था कि यह मामले के निहितार्थ पर अंतिम निर्णय नहीं है.
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