
बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को दवाओं के रसायन बनाने वाली कंपनी पार ड्रग्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (पीडीसीएल) को अपना प्रमुख व्यवसाय प्रवर्तक से ही जुड़ी एक कंपनी को बेचने की योजना पर रोक लगा दी.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मूल्यांकन पद्धति, शेयरधारकों के साथ संचार और मतदान प्रक्रिया में प्रथम दृष्टया गड़बड़ियों का जिक्र करते हुए यह कदम उठाया.
सेबी के अंतरिम आदेश के अनुसार, पीडीसीएल को 95 करोड़ रुपये के व्यवसाय हस्तांतरण समझौते पर अमल करने से रोक दिया गया है. यह समझौता 14 फरवरी, 2025 को फाल-जिग फाइन केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया था.
खरीद करने वाली कंपनी पीडीसीएल के प्रवर्तक समूह से ही जुड़ी है.
सेबी के आदेश में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को स्वतंत्र पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता नियुक्त करने और मान्य मूल्यांकन मानकों के आधार पर इस सौदे की दोबारा जांच करने का निर्देश दिया गया है.
इसके साथ ही एक मर्चेंट बैंकर से सौदे की निष्पक्षता पर विचार लेने को भी कहा गया है.
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश चंद्र वार्ष्णेय ने आदेश में कहा, “प्रस्तावित एकमुश्त बिक्री के मूल्यांकन की दोबारा जांच होनी जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह वास्तविक और उचित मूल्य को दर्शाता है. इसके अलावा सौदे की घोषणा के बाद पीडीसीएल का बाजार पूंजीकरण लगभग 70 प्रतिशत घट चुका है.”
सेबी ने कहा कि यदि सौदा आगे बढ़ा तो यह सार्वजनिक शेयरधारकों के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि एक बार सौदा लागू होने के बाद उसे पलटना संभव नहीं होगा.
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