
चांदी की कीमतों में पिछले सप्ताह 15 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई और वायदा बाजार में यह 2.42 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. यह उछाल मजबूत औद्योगिक मांग, अगले साल अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और आपूर्ति में व्यवधान की बढ़ती चिंताओं के चलते आया.
घरेलू बाजार में आई इस तेजी का असर वैश्विक बाजारों में भी दिखा, जहां चांदी एक ही दिन में 11 प्रतिशत से अधिक उछलकर 79.70 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई.
एमसीएक्स पर लगातार पांचवें दिन बढ़त दर्ज करते हुए मार्च 2026 की डिलीवरी वाली चांदी 18,210 रुपये यानी 8.14 प्रतिशत उछलकर 2,42,000 रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. हालांकि बाद में यह 2,39,787 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई.
छुट्टियों के कारण छोटे रहे इस सप्ताह में 19 दिसंबर के बाद से चांदी की कीमत 31,348 रुपये यानी 15.04 प्रतिशत बढ़ी. इस दौरान तेज उतार-चढ़ाव के बीच कारोबारियों की आक्रामक खरीदारी देखने को मिली.
वर्ष 2025 में चांदी ने शानदार रिटर्न दिया है. इसकी कीमत 31 दिसंबर 2024 को 87,233 रुपये प्रति किलोग्राम थी और तब से कीमत 1,52,554 रुपये प्रति किलोग्राम यानी लगभग 175 प्रतिशत चढ़ चुकी है.
मेहता इक्विटीज के जिंस विभाग के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा कि चांदी का कारोबार अब केवल सोने जैसी कीमती धातु के रूप में नहीं हो रहा. उच्च प्रदर्शन वाली तकनीक में इसकी अनिवार्य भूमिका, उपलब्ध भंडार में कमी और औद्योगिक मांग इसके बुनियादी कारकों को नया रूप दे रही है.
इस बीच कॉमेक्स पर चांदी वायदा पहली बार 79 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गया. मार्च 2026 का सौदा 8.02 डॉलर यानी 11.2 प्रतिशत उछलकर 79.70 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, हालांकि बाद में यह 77.19 डॉलर पर बंद हुआ.
कलंत्री ने आगे कहा कि मजबूत औद्योगिक खपत, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में लगातार निवेश, अच्छी भौतिक मांग और निवेशकों के इक्विटी से जिंस की ओर बढ़ते रुख के कारण कीमतों को अच्छा समर्थन मिला हुआ है.
Download Money9 App for the latest updates on Personal Finance.
