
एक इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव ने शुक्रवार को कहा कि स्टेनलेस स्टील सेक्टर की बदलती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए स्किल्ड वर्कफोर्स बहुत ज़रूरी है, जिसके अगले 5 सालों में सालाना 9 परसेंट बढ़ने की उम्मीद है. जिंदल स्टेनलेस के MD अभ्युदय जिंदल ने कहा कि इंडस्ट्री तेज़ी से बढ़ती डिमांड और तेज़ी से हो रहे इनोवेशन की वजह से एक बड़े बदलाव की दहलीज़ पर खड़ी है.
जिंदल ने कहा कि उनकी कंपनी का मकसद अगले कुछ सालों में 5 लाख MSME फैब्रिकेटर को ट्रेन करना है क्योंकि स्किल्ड और भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स की ज़रूरत बहुत ज़रूरी हो गई है. उन्होंने कहा, “स्टेनलेस स्टील इंडस्ट्री पिछले 5 सालों में लगभग 9 परसेंट CAGR से बढ़ी है और अगले 4-5 सालों में भी इसी सालाना दर से बढ़ने का अनुमान है, जो खास सेक्टर की ग्रोथ की वजह से है.”
जिंदल ने कहा कि स्टेनलेस एकेडमी, सरकार के मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया से जुड़ी एक पहल है, जिंदल स्टेनलेस ने इस सेक्टर पर खास प्रोग्राम और सेशन के ज़रिए 60,000 से ज़्यादा MSME फैब्रिकेटर और इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को ट्रेन और एजुकेट किया है.
उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे सभी सेक्टर में स्टेनलेस स्टील की मांग बढ़ रही है, हमें इंडस्ट्री की बदलती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए स्टेनलेस इकोसिस्टम में पूरी वर्कफोर्स को ज़रूरी स्किल्स से तैयार करना होगा. स्टेनलेस एकेडमी को भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो ग्लोबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ में आगे बढ़ सके.” जिंदल स्टेनलेस देश की सबसे बड़ी स्टेनलेस स्टील बनाने वाली कंपनी है.
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