टाटा मोटर्स का इलेक्ट्रिक यात्री वाहन बाजार में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी फिर हासिल करने का लक्ष्य

उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि लघु अवधि में कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में गिरावट आना काफी हद तक तय है, क्योंकि कई कंपनियां कई उत्पाद लेकर आ चुकी हैं।

महिंद्रा मोटर्स

घरेलू इलेक्ट्रिक यात्री वाहन बाजार की अगुवा टाटा मोटर्स अपने उत्पाद पोर्टफोलियो के विस्तार और नवीनीकरण के माध्यम से मध्यम-से-दीर्घावधि अवधि में इस खंड में 50 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी फिर हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने यहां पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा कि घरेलू इलेक्ट्रिक यात्री वाहन बाजार मूल्य के आधार पर चार अलग-अलग खंड में बंटा हुआ है। कंपनी अपनी आगामी हैरियर.ईवी और सिएरा.ईवी के साथ 20 लाख रुपये से ऊपर के बाजार में उतरने जा रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी अपने बेड़े में ईवी के स्वामित्व की कुल लागत (टीसीओ) को सीएनजी वाहन के बराबर करने के लिए काम कर रही है ताकि मात्रा हासिल की जा सके।

चंद्रा ने कहा, ‘‘हमारी आकांक्षा मध्यम से दीर्घावधि अवधि में 50 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने की है…हम बहुत व्यापक उत्पाद पोर्टफोलियो और ग्राहकों की अपेक्षाओं के अनुरूप उत्पाद पेशकर 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के लक्ष्य की आकांक्षा रखते हैं।’’ उन्होंने कहा कि मध्यम अवधि से उनका आशय डेढ़ से दो साल से है। उनसे पूछा गया था कि टाटा मोटर्स कैसे इलेक्ट्रिक यात्री वाहन बाजार में अपनी अग्रणी स्थिति को कायम रखने के लिए कदम उठा रही है।

उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि लघु अवधि में कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में गिरावट आना काफी हद तक तय है, क्योंकि कई कंपनियां कई उत्पाद लेकर आ चुकी हैं। बाजार में लक्जरी कार सहित इस समय करीब 20 मॉडल हैं। उन्होंने कहा कि यात्री इलेक्ट्रिक वाहन बाजार अब चार खंड में बंटा हुआ है। यह हैं…8-12 लाख रुपये; 12 से 20 लाख रुपये; 20 लाख रुपये से अधिक और फ्लीट खंड।

चंद्रा ने कहा कि कंपनी की बाजार हिस्सेदारी वर्तमान में लगभग 40-41 प्रतिशत है, जो पिछले वित्त वर्ष में लगभग 55 प्रतिशत थी, जिसका मुख्य कारण फ्लीट खंड में बिक्री में गिरावट और 12 से 20 लाख रुपये के खंड में तेज प्रतिस्पर्धा है।

कंपनी अपनी कुल बाजार हिस्सेदारी को फिर से हासिल करने की तैयारी कैसे कर रही है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘8-12 लाख रुपये के खंड में, जहां हमारे पास 75 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ टियागो.ईवी और पंच.ईवी हैं, हम बहुत संतोषजनक स्थिति में हैं। विचार ईवी बाजार के इस हिस्से का विस्तार करने का है। हम मौजूदा उत्पाद पोर्टफोलियो के मूल्यवर्धन पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 12-20 लाख रुपये का खंड सबसे भीड़भाड़ वाला है। इस खंड में सभी खिलाड़ियों के एक या अन्य उत्पाद हैं।

चंद्रा ने कहा कि इस खंड में कंपनी की हिस्सेदारी 33-35 प्रतिशत तक कम हो गई है। यहां हम अपने दो उत्पादों, नेक्सन.ईवी और कर्व.ईवी के साथ और अधिक आकर्षक विकल्प लाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कड़ी प्रतिस्पर्धा पेश कर सकें।

उन्होंने कहा कि 20 लाख रुपये से आगे एक और खंड है, जो तेज़ी से उभर रहा है। इस खंड में भी लोग इलेक्ट्रिक कार खरीदने की इच्छा रखते हैं। इस खंड में अभी हमारी मौजूदगी नहीं है। इस खंड में हम हैरियर.ईवी और फिर सिएरा.ईवी लेकर आएंगे। तो, यह हमारे लिए एक नया खंड खोलेगा, जिससे हमारी बिक्री की मात्रा बढ़ेगी।

फ्लीट खंड के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल, फेम प्रोत्साहन के बंद होने के कारण हमें दबाव का सामना करना पड़ा और इससे इस खंड में बिक्री कम हो गई।’’ चंद्रा ने कहा कि फ्लीट खंड में सीएनजी एक बड़ा बाजार है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि हम ईवी के स्वामित्व की लागत को सीएनजी के बराबर कैसे ला सकते हैं। हम इस पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।’’ टाटा मोटर्स ने 2024-25 में 65,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे हैं, जो 2023-24 की तुलना में 10 प्रतिशत कम हैं।

Published: May 25, 2025, 23:35 IST
Exit mobile version