
टाटा स्टील ने रविवार को कहा कि उसे वित्त वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के ‘इनपुट कर क्रेडिट के कथित अनियमित लाभ’ पर कर अधिकारियों से कारण बताओ एवं मांग (एससीएन) नोटिस मिला है।
टाटा स्टील ने शेयर बाजार को बताया कि शनिवार को मिले नोटिस के अनुसार, उसे 30 दिन के भीतर केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, जमशेदपुर के अतिरिक्त/संयुक्त आयुक्त के सामने कारण बताना होगा कि ”वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 10,07,54,83,342 रुपये का माल और सेवा कर (जीएसटी) उससे क्यों नहीं मांगा और वसूला जाए।”
रांची स्थित केंद्रीय कर आयुक्त (लेखा परीक्षा) कार्यालय द्वारा 27 जून को जारी नोटिस में कहा गया कि इनपुट कर क्रेडिट का लाभ केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करके लिया गया।
कंपनी ने कहा कि उसने सामान्य कारोबार के दौरान पहले ही 5,14,19,36,211 रुपये का जीएसटी चुकाया है।
शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, नोटिस में उपरोक्त जीएसटी राशि को विनियोजित करने का प्रस्ताव है और इसलिए कथित जीएसटी जोखिम केवल 4,93,35,47,131 रुपये का है।
कंपनी ने कहा कि उसका मानना है कि नोटिस में ”कोई दम नहीं है और कंपनी दी गई समयसीमा के भीतर उचित मंच के समक्ष अपना पक्ष रखेगी।”
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