
आयकर विभाग ने गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों या धर्मार्थ संस्थानों से संबंधित गलत कटौती दावों के लिए करदाताओं को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सलाह भेजना शुरू कर दिया है. वित्त मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण के माध्यम से उसने पाया है कि पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) या धर्मार्थ संस्थानों को दान के नाम पर बड़ी मात्रा में फर्जी दावे किए गए हैं, जिससे उनके कर दायित्वों को कम किया गया है और फर्जी धनवापसी का भी दावा किया गया है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”करदाताओं के हित में एक लक्षित एक अभियान शुरू किया गया है, जो उन्हें अपने आईटीआर अपडेट करने और किसी भी गलत दावे को वापस लेने का अवसर प्रदान करता है. 12 दिसंबर 2025 से ऐसे करदाताओं के पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल पर एसएमएस और ईमेल सूचनाएं भेजी जा रही हैं.”
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