
कर्ज के बोझ तले दबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने सोमवार को कहा कि वह अपने पूंजीगत व्यय कार्यक्रम को जारी रखने के लिए गैर-बैंकिंग स्रोतों से धन जुटाने पर विचार कर रही है.
वीआईएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अक्षय मूंद्ड़ा ने अप्रैल-जून, 2025 तिमाही के नतीजों पर विश्लेषक चर्चा के दौरान कहा कि बैंक कंपनी को ऋण देने से पहले समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले पर स्पष्टता चाहते हैं.
मूंदड़ा ने कहा, “हम पूंजीगत व्यय योजना की निरंतरता बनाए रखने के इच्छुक हैं, इसलिए गैर-बैंकिंग स्रोतों से भी धन जुटाने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि, यह राशि पूरे 25,000 करोड़ रुपये नहीं होगी, लेकिन इतनी जरूर होगी कि निवेश चक्र जारी रखा जा सके.”
मूंद्ड़ा ने वोडाफोन आइडिया के सीईओ के तौर पर अपने कार्यकाल के अंतिम दिन कहा कि सरकार कंपनी की सबसे बड़ी शेयरधारक है और अतीत में भी उसे मुश्किल समय में समर्थन देती रही है.
उन्होंने कहा, “2019 में स्पेक्ट्रम किस्तों का स्थगन, 2021 का सुधार पैकेज और हाल में बकाया राशि का इक्विटी हिस्सेदारी में रूपांतरण इसके उदाहरण हैं. हमें विश्वास है कि एजीआर मुद्दे का समाधान भी सरकार के साथ निकल आएगा.”
कंपनी की एजीआर देनदारी जून, 2025 तक लगभग 75,000 करोड़ रुपये है. उस पर कुल शुद्ध कर्ज दो लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
जून तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़कर 6,608 करोड़ रुपये हो गया जबकि राजस्व करीब पांच प्रतिशत बढ़कर 11,022.5 करोड़ रुपये पहुंच गया.
कंपनी ने कहा कि तिमाही में 2,440 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय से नेटवर्क को सुधारा गया और ग्राहकों की संख्या में गिरावट भी कम होकर पांच लाख पर सिमट गई. वीआईएल के कुल ग्राहकों की संख्या 19.77 करोड़ रही.
इस बीच, कंपनी के निदेशक मंडल ने मुख्य परिचालन अधिकारी अभिजीत किशोर को 19 अगस्त से सीईओ के रूप में पदोन्नत करने पर मुहर लगा दी.
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