
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 100 प्रतिशत तक के व्यापार शुल्क विश्व व्यापार संगठन के मानदंडों के अनुरूप हैं. उन्होंने कहा कि इन्हें राष्ट्रीय विकास और घरेलू उद्योगों को समर्थन देने के लिए लगाया जाता है.
कुछ अमेरिकी आयातों पर 100 प्रतिशत व्यापार शुल्क को लेकर पूछे गए एक सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि शुल्क वैध साधन हैं.
उन्होंने कहा, ”इसलिए, जब आप विकास के उस चरण में होते हैं, जब आपके अपने उद्योग को बढ़ना होता है, तो डब्ल्यूटीओ मानदंडों के अनुसार आप जो भी व्यापार शुल्क लगा सकते हैं… आप लगाएंगे.”
वित्तमंत्री ने यहां बजट के बाद एक बातचीत में कहा, ”इसलिए यह इसी मकसद से हो रहा है और जैसा कि मैंने कहा यह डब्ल्यूटीओ के अनुरूप है.”
सीतारमण ने कहा कि आज प्रचलित व्यापार शुल्क कई उद्देश्यों को पूरा करते हैं और यह सुरक्षा आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने निर्यात और नए बाजारों तक पहुंचने की संभावना पर भी जोर दिया.
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने हितों का ख्याल रखेगा, जबकि भारत अपने हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा.
उन्होंने कहा कि इस बीच, उनके साथ बातचीत में यह विचार किया जाएगा कि हम किस तरह आगे बढ़ सकते हैं.
भारत पर जवाबी शुल्क लगाने के बारे में सीतारमण ने कहा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी वाणिज्य मंत्री और संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के साथ चर्चा करने के लिए अमेरिका गये हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि उन वार्ताओं के आधार पर वह वापस आकर निर्णय लेंगे.
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