भारतीय रेलवे में आधुनिक तकनीक लाने के लिए सरकार ने “कवच” (Automatic Train Protection – ATP) प्रणाली को पूरे नेटवर्क में लागू करने की योजना बनाई है. अगले 6 सालों में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. “कवच” एक रेलवे सुरक्षा तकनीक है, जो ट्रेनों की आपसी टक्कर को रोकने और रेलवे संचालन को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने में मदद करती है. इसका फायदा कुछ कंपनियों को सीधा मिल सकता है. आइए जानते हैं 5 प्रमुख कंपनियों के बारे में, जो इस योजना से सीधा लाभ उठा सकती हैं.
कंपनी 1983 में स्थापित हुई थी और यह मुख्य रूप से बैटरियों, ई-मोबिलिटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में काम करती है. रेलवे क्षेत्र में इसकी दो प्रमुख तकनीकें हैं. पहला- TCAS (Train Collision Avoidance System) – जो ट्रेनों की टक्कर को रोकती है. दूसरा- TMS (Train Management System) – जो ट्रेनों के ट्रैक उपयोग को अधिक प्रभावी बनाती है.
Kernex Microsystems भारतीय रेलवे को एंटी-कोलिजन सिस्टम (Anti-Collision Devices) और अन्य सुरक्षा सॉल्यूशन प्रदान करती है.
KEC इंटरनेशनल एक ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो रेलवे, ट्रांसमिशन टावर, सोलर और शहरी विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करती है.
KEC International के शेयर 3 जनवरी ( 9:51 बजे) 797 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे हैं. बीते एक साल में इसमें 19 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गई थी.
RailTel भारतीय रेलवे की टेलीकॉम और डिजिटल सेवाओं से जुड़ी सरकारी कंपनी है.
RailTel ने Quadrant Future Tek Limited के साथ मिलकर कवच प्रणाली को लागू करने के लिए साझेदारी की है. रेलवे को ऑप्टिकल फाइबर और डेटा सेंटर सेवाएं देने का इसका विशेष अधिकार है, जिससे इसे अन्य प्रोजेक्ट्स में भी फायदा होता है.
Siemens एक जर्मन मल्टीग्लोबल कंपनी है, जो रेलवे, इलेक्ट्रिक वाहन, और इंडस्ट्रियल डिवाइस बनाने वाली कंपनियों में एक है.
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