Income Tax Rule: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपये तक इनकम टैक्स जीरो करने के बाद मिडिल क्लास की बल्ले-बल्ले हो गई है. और अगर स्टैण्डर्ड डिडक्शन की रकम को भी शामिल कर लिया जाए तो 12.75 लाख रुपये तक कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी. लेकिन क्या आपको पता है कि 12.75 लाख छोड़िए आप एक और तरीके से 95 हजार रुपये अतिरिक्त टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं. जी हां ऐसा करने से आपको 13.7 लाख रुपये तक अब कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. हालांकि यह फायदा केवल न्यू टैक्स रिजीम वालों को मिलेगा. तो आइए बताते हैं कि कैसे आप 13.7 लाख रुपये तक की इनकम पर जीरो टैक्स दे सकते हैं.
असल में वित्त मंत्री ने पिछले बजट में न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाले टैक्सपेयर के लिए NPS की एक खास सुविधा शुरू की थी. इसके तहत सेक्शन 80 CCD(2) के तहत NPS में कंट्रीब्यूशन 10 फीसदी की जगह 14 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. यानी अगर किसी व्यक्ति की सैलरी 13.7 लाख रुपये और उसकी बेसिक सैलरी 50 फीसदी के आधार पर 6.85 लाख रुपये सालाना है, तो वह NPS के रुप में 14 फीसदी के आधार पर 95,900 रुपये निवेश कर सकता है. और अगर वह ऐसा करता है तो उसकी टोटल टैक्सेबल इनकम 11.99 लाख रुपये होगी. यानी 12 लाख रुपये से कम, इस आधार पर नए प्रपोजल के तहत टैक्सपेयर 12 लाख रुपये सालाना इनकम के दायरे में आ जाएगा. यानी उसको कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
डिटेल | राशि (रुपये में) |
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कुल सैलरी | 13,70,000 |
बेसिक सैलरी (50%) | 6,85,000 |
NPS में कंट्रीब्यूशन (14%) | 95,900 |
टोटल टैक्सेबल इनकम | 11,99,100 (12 लाख से कम) |
टैक्स | कोई टैक्स नहीं लगेगा |
हालांकि इस सुविधा का लाभ कर्मचारी सीधे अपने नहीं ले सकता है. यानी वह अपनी इच्छा से NPS में कंट्रीब्यूशन 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी नहीं कर सकता है. इसके लिए नियोक्ता को अपने कर्मचारी को 14 फीसदी कंट्रीब्यूशन बढ़ाने का विकल्प देना होगा. नियोक्ता के विकल्प देने के के बाद कर्मचारी ऐसा कर सकता है और वह 13.7 लाख रुपये तक इनकम पर जीरो टैक्स का फायदा ले सकता है.
लाखों टैक्सपेयर्स इस NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) के लाभ का फायदा नहीं उठाते हैं. यह योजना लगभग 10 साल पहले शुरू की गई थी, लेकिन अब तक केवल 2.2 मिलियन लोग ही इसमें शामिल हुए हैं. इसका कारण यह है कि कई निवेशक लंबे लॉक-इन पीरियड और माच्योरिटी पर निकासी पर प्रतिबंध से निराश होते हैं. NPS से कुछ खास परिस्थितियों के अलावा रिटायरमेंट से पहले पैसे नहीं निकाले जा सकते. माच्योरिटी पर, सिर्फ 60 फीसदी राशि ही निकाली जा सकती है, जबकि 40 फीसदी राशि को अनुइटी (annuity ) में निवेश करना पड़ता है, जो जीवनभर की पेंशन देता है.
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