
भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि 30 मई को समाप्त पखवाड़े में बैंक कर्ज वृद्धि में नरमी रही. इस दौरान उद्योग को बैंक कर्ज में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 8.9 प्रतिशत रही थी.
आरबीआई ने 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) से प्राप्त सूचना के आधार पर मई, 2025 के लिए बैंक ऋण पर आंकड़े जारी किये हैं. यह कर्ज सभी वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिये गये कुल गैर-खाद्य ऋण का लगभग 95 प्रतिशत है.
सालाना आधार पर, 30 मई, 2025 को समाप्त पखवाड़े तक गैर-खाद्य बैंक ऋण में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि (31 मई, 2024) के दौरान इसमें 16.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
आरबीआई ने कहा, ‘‘उद्योग को दिए गए ऋण में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 8.9 प्रतिशत थी. प्रमुख उद्योगों में, इंजीनियरिंग, निर्माण और रबड़, प्लास्टिक और उनके उत्पादों के बकाया ऋण में वार्षिक आधार पर तेज वृद्धि दर्ज की गई.’’
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य अवधि में कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए कर्ज में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 21.6 प्रतिशत थी.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि सेवा क्षेत्र के लिए ऋण में मामूली 9.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 20.7 प्रतिशत थी. इसका मुख्य कारण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को ऋण में धीमी वृद्धि है.
दूसरी ओर, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर खंड में कर्ज वृद्धि अच्छी रही.
इसके अलावा, व्यक्तिगत ऋण खंड में कर्ज में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो एक साल पहले इसी अवधि में 19.3 प्रतिशत थी. इसका मुख्य कारण अन्य व्यक्तिगत ऋण, वाहन ऋण और क्रेडिट कार्ड बकाया में वृद्धि का कम रहना है.
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