
देश ने आज, 2 सितम्बर को अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क का चौथा फाउंडेशन डे मनाया. 2021 में लॉन्च हुआ यह सिस्टम अब बैंकिंग, बीमा और पेंशन सेक्टर में तेजी से विस्तार कर रहा है. IRDAI का कहना है कि इससे टर्म इंश्योरेंस पॉलिसियों के अंडरराइटिंग आसान होंगे और ग्राहकों को अधिक सुलभ व किफायती बीमा उत्पाद मिल सकेंगे. इसके जरिये लोग अपनी वित्तीय जानकारी को डिजिटल रूप से सुरक्षित ढंग से शेयर कर सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने 2025 में इसके दायरे को बैंकिंग, बीमा और पेंशन जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ाने की घोषणा की है.
कब हुआ था लॉन्च
अकाउंट एग्रीगेटर की नींव साल 2016 में तब रखी गई थी जब आरबीआई ने इसके लिए मास्टर डायरेक्शन जारी किए थे. इसके बाद 2 सितम्बर 2021 को यह सिस्टम आधिकारिक रूप से शुरू की गई. अब 2025 में इसके चौथे साल पर सरकार ने इसके विस्तार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं.
क्या है अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क
अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क एक ऐसा सिस्टम है जिसके जरिये कोई भी व्यक्ति अपनी वित्तीय जानकारी तीसरे पक्ष के साथ सुरक्षित तरीके से साझा कर सकता है. इसमें सबसे बड़ी खासियत यह है कि बिना व्यक्ति की सहमति के कोई भी जानकारी साझा नहीं की जाती.
डेटा को सुरक्षित रखने का तरीका
इस व्यवस्था में अकाउंट एग्रीगेटर कोई भी वित्तीय जानकारी अपने पास नहीं रखते. यह सिर्फ डेटा ट्रांसफर का जरिया होते हैं. जानकारी एन्क्रिप्टेड रहती है और एक वित्तीय संस्था से दूसरी संस्था तक सुरक्षित ढंग से भेजी जाती है.
ग्राहकों के लिए स्वैच्छिक सेवा
अकाउंट एग्रीगेटर सेवा लेना पूरी तरह से ग्राहकों की इच्छा पर निर्भर है. यानी कोई भी व्यक्ति चाहें तो इसमें रजिस्टर कर सकता है और चाहें तो इससे बाहर रह सकता है. इस कारण यह लोगों को अपनी जानकारी पर पूरी तरह से कंट्रोल देता है.
बीमा क्षेत्र में बढ़ा इस्तेमाल
आईआरडीएआई के चेयरपर्सन अजय सेठ ने कहा कि अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क बीमा क्षेत्र के लिए नए अवसर लेकर आया है. साल 2025 में बीमा कंपनियों ने खासकर टर्म इंश्योरेंस पॉलिसियों के अंडरराइटिंग में इस फ्रेमवर्क का इस्तेमाल बढ़ाया है. इससे बीमा उत्पाद अधिक सुलभ और किफायती बनेंगे.
देश के लक्ष्य को मिलेगी मजबूती
अजय सेठ ने कहा कि अकाउंट एग्रीगेटर जैसी डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर व्यवस्था देश के उस लक्ष्य को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी जिसमें 2047 तक हर भारतीय परिवार को बीमा सुरक्षा देने का लक्ष्य रखा गया है. यह कदम बीमा क्षेत्र में इनोवेशन और तकनीकी इस्तेमाल को नई गति देगा.