इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश अगस्त में 22 प्रतिशत घटकर 33,430 करोड़ रुपये परः एम्फी

अगस्त में इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश घटकर 33,430 करोड़ रुपये रह गया, जो जुलाई की तुलना में 22% कम है। एम्फी के अनुसार, जुलाई में 42,702 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था। विशेषज्ञों का मानना है कि नई कोष पेशकश (NFO) में कमी इसकी प्रमुख वजह रही। अगस्त में SIP प्रवाह लगभग 27,000 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा। फ्लेक्सी कैप, मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश जारी रहा, जबकि ऋण आधारित फंड से 7,980 करोड़ रुपये की निकासी हुई।

म्‍यूचुअल फंड

इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश अगस्त महीने में घटकर 33,430 करोड़ रुपये रह गया जो जुलाई की तुलना में 22 प्रतिशत कम है। उद्योग निकाय एम्फी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी आधारित फंड योजनाओं में जुलाई के दौरान 42,702 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था लेकिन अगस्त में यह घटकर 33,430 करोड़ रुपये रह गया।

विशेषज्ञों ने इस गिरावट का प्रमुख कारण नई कोष पेशकश (एनएफओ) में आई कमी को बताया है।

मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कारोबार अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘जुलाई की तुलना में करीब 9,000 करोड़ रुपये की गिरावट के पीछे एनएफओ में आई कमी प्रमुख वजह है। शेष प्रवाह स्थिर और स्वस्थ बना हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश अगस्त में करीब 27,000 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा जो अपेक्षा से कम है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताओं और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली के बीच भी भारतीय निवेशक इक्विटी में निवेश जारी रख रहे हैं, जो बाजार के लिए सकारात्मक है।’’

म्यूचुअल फंड के श्रेणीवार आंकड़ों में फ्लेक्सी कैप फंड में अगस्त के दौरान सबसे अधिक 7,679 करोड़ रुपये का निवेश आया। मिडकैप फंड में 5,330 करोड़ रुपये, स्मॉलकैप फंड में 4,993 करोड़ रुपये, क्षेत्रवार/विषयवस्तु वाले फंड में 3,893 करोड़ रुपये और लार्जकैप फंड में 2,835 करोड़ रुपये का निवेश आया।

दूसरी तरफ, ऋण-आधारित फंड योजनाओं में 7,980 करोड़ रुपये की निकासी देखी गई।

कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड उद्योग में अगस्त माह के दौरान कुल 52,443 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो जुलाई के 1.8 लाख करोड़ रुपये की तुलना में बहुत कम है।

अगस्त अंत तक उद्योग की प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) घटकर 75.2 लाख करोड़ रुपये पर आ गई जो जुलाई अंत में 75.36 लाख करोड़ रुपये थी।

Published: September 10, 2025, 17:08 IST
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